- सीएम रघुवर दास जमशेदपुर पूर्व सीट और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष
- भाजपा प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ भी चुनाव हारे
रांची
झारखंड विधानसभा के चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को 81 में से केवल 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन को स्पष्ट बहुमत से ज्यादा 47 सीटें मिल गई है। चुनावी नतीजों के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू को इस्तीफा सौंप दिया है। एनडीए के घटक रहे आजसू को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा है। हालांकि भाजपा गैर गठबंधन दल के आधार पर सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर सामने आई है। वहीं कांग्रेस को लंबे समय बाद राज्य में फिर से अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिला है। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन 81 सदस्यीय विधानसभा में लगभग 47 सीट जीत कर स्पष्ट बहुमत की सरकार बनायेगा। जबकि दूसरी ओर चुनावों में भाजपा का नेतृत्व कर रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास स्वयं जमशेदपुर पूर्व से दस हजार से अधिक मतों से अपने ही मंत्रिमंडल सहयोगी रहे सरयू राय से हार गए। भाजपा सिर्फ 25 सीटें ही जीत पाई। जिससे उसका सबसे बड़ा दल बनने का सपना भी चकनाचूर होता गया। झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए 30 नवंबर से प्रारंभ होकर 20 दिसंबर तक पांच चरणों में चुनावों के प्रारंभिक परिणामों व एक्जिट पोल में भी ज्यादातर सर्वे एजेंसियों ने झारखंड में गैर भाजपा की सरकार बनने का दावा किया था। कांग्रेस के लिए महाराष्ट्र चुनाव के बाद झारखंड में भी खुशी का वातावरण मिला है। और अन्य सभी सीटों के रुझान से अब यह लगभग स्पष्ट हो गया है कि झामुमो-कांग्रेस-राजद का महागठबंधन ने 47 सीटों पर जीत दर्ज कर चुका है। ऐसी स्थिति में राज्य में महागठबंधन की जीत लगभग सुनिश्चित दिख रही है और हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय है। जबकि दूसरी ओर सत्ताधारी भाजपा की इन चुनावों में करारी हार हुई है। अब तक के आंकड़ों में झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य के इतिहास में सबसे अच्छे प्रदर्शन की ओर है। यह पार्टी तीस सीटें जीतकर न सिर्फ राज्य में मजबूत सरकार गठन की ओर अग्रसर है बल्कि वह विधानसभा में भी सबसे बड़े दल के रूप में उभर रहा है। अब तक मिले परिणामों और रुझानों के अनुसार महागठबंधन में झामुमो 30 सीट पर, कांग्रेस 15 सीट पर और राजद एक सीट पर बढ़त बनाये हुए हैं। अन्य दलों में भाजपा की सहयोगी रही ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) जहां सिर्फ दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है वहीं बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा भी सिर्फ तीन सीटों पर आगे हैं. अन्य छोटे दलों में भाकपा (माले लिबरेशन) एक, राष्ट्रवादी कांग्रेस एक तथा दो अन्य निर्दलीय आगे चल रहे हैं। जहां हार के बाद मुख्यमंत्री रघुबर दास ने संवाददाता सम्मेलन में दो टूक कहा कि यह हार उनकी व्यक्तिगत हार है, यह भाजपा की हार नहीं है। वहीं झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपनी और गठबंधन की जीत को जनता का स्पष्ट जनादेश बताया और कहा कि इससे उन्हें जनता की आकांक्षा पूरा करने के लिए संकल्प लेना होगा. हेमंत सोरेन ने कहा कि आज का चुनाव परिणाम राज्य के इतिहास में नया अध्याय है और यह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने विश्वास दिलाया कि लोगों की उम्मीदें वह टूटने नहीं देंगे। आज के परिणाम में एक खास बात यह भी रही कि जहां महागठबंधन करके कांग्रेस-झामुमो और राजद ने अपने वोट जोडऩे में सफलता हासिल की वहीं वर्ष 2014 के विधानसभा और हाल के लोकसभा चुनावों में गठबंधन सहयोगी रहे भाजपा और आज्सू अलग होकर बुरी तरह घाटे में रहे। पिछले विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं वहीं वह इस बार सिर्फ 26 पर सिमटती दीख रही है. जबकि उसकी सहयोगी रही आज्सू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी जबकि इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटों पर बढ़त बनाये हुए है। कम से कम 12 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां दोनों पार्टियों के मत जोड़ देने से उनके उम्मीदवार की जीत निश्चित थी अन्यथा इन सीटों पर विपक्षी उम्मीदवार ने जीत दर्ज की और यह सीटें इनमें से किसी के हाथ नहीं लगीं। हेमंत सोरेन ने आज की जीत और गठबंधन के सरकार बनाने की संभावना के बारे में पूरा परिणाम आने के पूर्व ही संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य की जनता ने विधानसभा चुनावों में स्पष्ट जनादेश दिया है। हेमंत ने कहा, आज हमारे लिए जनता की सेवा के लिए संकल्प का दिन है। उन्होंने कहा कि आज राज्य में जो परिणाम आये हैं वह हम सभी के लिए उत्साह का दिन है। जनता का जनादेश स्पष्ट है। उन्होंने कहा, आज राज्य में आया जनादेश झारखंड के इतिहास में नया अध्याय साबित होगा। यह यहां मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि हम यह पूरा प्रयास करेंगे कि लोगों की उम्मीदें टूटें नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महागठबंधन पूरे राज्य के सभी वर्गों, संप्रदायों और क्षेत्रों की आकांक्षाओं का ख्याल रखेगा। हेमंत ने अपने पिता शिबू सोरेन, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और लालू यादव का धन्यवाद किया और कहा कि आज के परिणाम सभी के परिश्रम का परिणाम है। सोरेन ने अधिक कुछ कहने से इनकार कर दिया और कहा कि अभी गठबंधन के सभी सदस्यों के साथ हम बैठेंगे और सरकार बनाने के लिए और शासन के लिए रणनीति तैयार करेंगे. इस वर्ष मई में आये लोकसभा चुनाव के परिणामों के बाद भाजपा की किसी राज्य विधानसभा चुनाव में यह पहली स्पष्ट हार है। लोकसभा चुनावों में झारखंड में भी भाजपा ने 14 में से 11 सीटें और उसकी सहयोगी आजसू ने एक सीट जीती थी जबकि कांग्रेस और झामुमो के हाथ सिर्फ एक-एक सीट लगी थी। यहां तक कि झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन भी दुमका लोकसभा सीट से चुनाव हार गये थे। इससे पूर्व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में वह शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव जीतकर भी अपनी सरकार नहीं बना सकी और हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा न पा सकने के बाद उसने किसी तरह दुष्यन्त चैटाला के साथ मिलकर अपनी सरकार बनायी।
पीएम मोदी ने हेमंत सोरेन को दी बधाई, शाह ने कहा- जनादेश का करते हैं सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन को राज्य विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई दी। उन्होंने विजयी गठबंधन को राज्य की सेवा के लिए शुभकामनाएं दीं। हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो और कांग्रेस का गठबंधन राज्य विधानसभा चुनाव में भाजपा पर भारी पड़ा है। मोदी ने ट्वीट किया कि उनकी पार्टी राज्य की सेवा करती रहेगी और जनकेंद्रिंत मुद्दे उठाती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा- हेमंत सोरेन और झामुमो नीत गठबंधन को झारखंड चुनाव में जीत के लिए बधाई। उन्हें राज्य की सेवा करने के लिए शुभकामनाएं। वहीं, झारखंड चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि हम झारखंड की जनता द्वारा दिए गए जनादेश का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा निरंतर प्रदेश के विकास के लिए कटिबद्ध रहेगी। सभी कार्यकर्ताओं का उनके अथक परिश्रम के लिए अभिनंदन।
पांचवीं बार सोरेन परिवार का सदस्य सीएम पद संभालेगा
हेमंत गठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री कैंडिडेट हैं। वे मुख्यमंत्री बनते हैं तो सोरेन परिवार का कोई सदस्य पांचवीं बार इस पद को संभालेगा। 2005, 2008 और 2009 में शिबू सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री थे। 2013-14 में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे।