निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार, स्वायत्त शासन विभाग और कार्यवाहक मेयर से तीन सप्ताह में मांगा जवाब

हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के मामले में हलचल फिर तेज हो गई। सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार, स्वायत्त शासन निदेशालय और कार्यवाहक मेयर शील धाबाई को नोटिस जारी कर उनका पक्ष रखने के लिए कहा है। इस केस में सौम्या गुर्जर की तरफ से अटॉर्नी जनरल रह चुके मुकुल रोहतगी ने पैरवी की।

सूत्रों के मुताबिक कोर्ट में सौम्या के एडवोकेट ने पक्ष रखा कि आयुक्त की ओर से दर्ज की एफआईआर में तेज आवाज में बोलने का आरोप तत्कालीन मेयर सौम्या गुर्जर पर लगाया है। इसे राज्य सरकार ने दुव्र्यवहार की श्रेणी में मानते हुए निलंबित कर दिया।

रोहतगी ने कहा कि तेज आवाज में बोलने को दुर्व्यवहार मानकर किसी जनप्रतिनिधि को पद से निलंबित नहीं किया जा सकता। इस पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार, स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक और कार्यवाहक मेयर सौम्या गुर्जर को नोटिस जारी करते हुए उनका पक्ष तीन सप्ताह में रखने को कहा। साथ ही अब इस मामले की सुनवाई 24 अगस्त को होगी।

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