
जोधपुर। देश में कोविड-19 रोगियों का इलाज करने वाले चिकित्सा कर्मियों द्वारा जरूरी कवरऑल की उत्पादन क्षमता बढ़ा कर प्रति दिन 1 लाख से अधिक कर दी गई है। कोविड-19 का मुकाबला करने के वास्ते पीपीई कवरऑल उत्पादन के लिए देश में बेंगलुरु एक प्रमुख केंद्र बन गया है।
देश में कवरऑल का लगभग पचास प्रतिशत उत्पादन बेंगलुरु में होता है। चूंकि बॉडी कवरऑल (पी पी ई) स्वास्थ्य पेशेवरों को उच्च स्तर की सुरक्षा दिलाने के लिए एक विशेष सुरक्षात्मक सूट है, जिसके लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कठोर तकनीकी आवश्यकताएं निर्धारित की हुई हैं।
मैसर्स एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा संगठनों के लिए नामित एकल-खिडक़ी खरीद एजेंसी है। बेंगलुरु के अलावा पीपीई कवरऑल तमिलनाडु के तिरुपुर, चेन्नई और कोयंबटूर, गुजरात के अहमदाबाद और वडोदरा, पंजाब के फगवाड़ा और लुधियाना, महाराष्ट्र के कुसुमनगर और भिवंडी, राजस्थान के डूंगरपुर तथा कोलकाता, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और कुछ अन्य स्थानों पर अनुमोदित उत्पादन इकाइयों द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं।
कवरऑल की उत्पादन क्षमता बढ़ा कर प्रति दिन 1 लाख से अधिक कर दी गई है
अब तक कुल उत्पादन लगभग एक मिलियन कवर ऑल इकाइयों का हो चुका है। जनवरी के अंतिम सप्ताह के दौरान डब्ल्यूएचओ वर्ग-3 ए सपोजऱ प्रेशर के अनुसार कवर्स के लिए आईएसओ 160033 का या इसके समकक्ष तकनीकी मानक निर्धारित किया गया था।
ऐसी सामग्रियों का निर्माण कुछ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किया जा रहा था, जिन्होंने अत्यधिक उत्पादन तथा स्रोत देशों द्वारा निर्यात पर प्रतिबंध के कारण आपूर्ति करने में असमर्थता व्यक्त की थी। केवल एक सीमित मात्रा की पेशकश की गई थी जिसकी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के खरीद संगठन द्वारा खरीद कर्ली गई।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2 मार्च को तकनीकी उपल धता को अंतिम रूप दिया। यह स्वदेशी उपल धता और चिकित्सा क्षेत्र विशेषज्ञों के परामर्श के आधार पर थी। कोविड-19 मामलों से निपटने वाले हेल्थकेयर पेशेवरों की सुरक्षा के लिए उच्च स्तर की तकनीकी आवश्यकता को ध्यान में रखा गया।
बिक्री प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पर्याप्त क्षमता रखने वाले निर्माताओं को आमंत्रित करते हुए विनिर्देश 5 मार्च 2020 को एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किये गए थे।
कवरऑल उत्पादन के लिए देश में बेंगलुरु एक प्रमुख केंद्र बन गया है
अभी देश में चार प्रयोगशालाएं हैं जिनमें सिंथेटिक लड पेनिट्रेशन रेसिस्टेंस टेस्ट सुविधाओं के साथ-साथ कोविड-19 के लिए आवश्यक परीक्षण और प्रमाणित बॉडी कवर (पीपीई) आयोजित करने के लिए आवश्यक अनुमति हैं। ये हैं – दक्षिण भारत कपड़ा अनुसंधान संघ, कोय बटूर, रक्षा अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान, ग्वालियर, और आयुध फैक्ट्री बोर्ड के अंतर्गत दो प्रयोगशालाएं – हैवी व्हीकल फै ट्री, अवाड़ी और स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री, कानपुर।
कपड़े और पीपीई कवरऑल परिधान के संबंध में आयोजित प्रत्येक ऐसे परीक्षण के लिए, जिसके लिए संबंधित निर्माताओं द्वारा प्रोटोटाइप नमूने भेजे जाते हैं, एक यूनीक सर्टिफिकेशन कोड (यूसीसी-कोविड19) उत्पन्न होता है। इस कोड में कपड़े के प्रकार, परिधान के प्रकार, परीक्षण की तारीख, परीक्षण मानक और अन्य प्रासंगिक विवरणों के रिकॉर्ड होते हैं।
प्रत्येक पारित नमूने के लिए जारी किया गया यूसीसी कोड उत्पाद के किसी भी उपयोगकर्ता द्वारा सत्यापन के लिए डीआरडीओ, ओएफबी और दक्षिण भारत कपड़ा अनुसंधान संघ की आधिकारिक वेबसाइट पर दिया जाता है।
कवरऑल का लगभग पचास प्रतिशत उत्पादन बेंगलुरु में होता है।
परीक्षण की प्रक्रिया को और सुव्यवस्थित करने और पीपीई कवर्स की गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से अनुमोदित प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए नमूना केवल संगठन द्वारा निर्धारित प्रारूप में एक शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर स्वीकार किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पीपीई किट आवश्यकता के अनुसार राज्यों को भेजे जा रहे हैं। आपूर्ति श्रृंखला को कारगर बनाने, अड़चनों को दूर करने और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए आवश्यक सभी सामग्रियों की एक स्थिर आपूर्ति बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय फार्मास्यूटिकल्स विभाग, और कपड़ा मंत्रालय चौबीसों घंटे सातों दिन विभिन्न उद्योग निकायों, हितधारकों और निर्माताओं के साथ लगातार काम कर रहे हैं