इंडिया और ऑस्ट्रेलिया पिंक कलर में खेलेंगी तीसरा टेस्ट

भारतीय टीम और ऑस्ट्रेलिया के बीच 7 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में टेस्ट मैच होना है। दोनों टीमें इस मैच में पिंक कलर में रंगी नजर आएंगी। दरअसल, 2009 से सिडनी में खेला जाने वाला साल का पहला टेस्ट पिंक मैच कहलाता है। यह डे-नाइट नहीं होता है, बल्कि इसमें टीमें गुलाबी रंग के साथ मैदान में उतरती हैं।

2019 का पिंक टेस्ट भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही खेला गया था, जो ड्रॉ रहा था। इसमें भारतीय कप्तान विराट कोहली पिंक ग्लव्ज और बैट पर पिंक ग्रिप चढ़ाकर मैदान में उतरे थे। पिछली बार टीम इंडिया ने सिडनी टेस्ट की पहली पारी 7 विकेट पर 622 रन बनाकर घोषित की थी।

यह टेस्ट पिंक बॉल से नहीं, रेड बॉल से ही खेला जाता है। पिंक बॉल का इस्तेमाल सिर्फ डे-नाइट टेस्ट में होता है। हालांकि, पिंक टेस्ट में स्टंप से लेकर खिलाड़ियों के ग्लव्स, बैट ग्रिप, ब्रांड लोगो, होर्डिंग, कैप और दर्शकों का पहनावा सब कुछ पिंक-पिंक ही नजर आता है।

दरअसल, पिंक टेस्ट का नाता ऑस्ट्रेलियाई लीजेंड ग्लेन मैक्ग्रा और उनकी पत्नी जेन से जुड़ा है। टेस्ट मैच के तीसरे दिन को ‘जेन मैक्ग्रा डे’ के नाम से जाना जाता है। जेन का 2008 में ब्रेस्ट कैंसर की वजह से निधन हुआ था। इसके बाद ब्रेस्ट कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता के लिए सिडनी में पिंक टेस्ट कराया जाने लगा। यह ग्लेन मैक्ग्रा का होम ग्राउंड है।

इस मैच से जो भी फायदा होता है, वह पूरा मैक्ग्रा फाउंडेशन को दान कर दिया जाता है। 2005 में ग्लैन और उनकी पत्नी जेन ने फाउंडेशन की स्थापना की थी, लेकिन इसके 3 साल बाद जेन का निधन हो गया। इस जागरूकता अभियान को सपोर्ट करने के लिए फैंस गुलाबी रंग के कपड़े पहनते हैं। मैक्ग्रा फाउंडेशन एक चैरिटी संस्था है, जो ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की सहायता करती है।

सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में पहला पिंक टेस्ट 2009 में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच खेला गया था। इस टेस्ट को ऑस्ट्रेलिया ने 103 रन से जीता था। उस टेस्ट में 1.2 मिलियन डॉलर (करीब 8.77 करोड़ रुपए) फंड इकट्ठा हुआ था। तब से अब तक 10 सालों से सिडनी में साल का पहला टेस्ट पिंक मैच के तौर पर खेला जा रहा है। 11वां पिंक टेस्ट भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 7 जनवरी को खेला जाएगा।