लद्दाख में तनाव: चीन और भारत के विदेश मंत्रालय के अफसरों में चर्चा हुई

भारतीय-चीनी सैनिक, indian-chinese army
भारतीय-चीनी सैनिक, indian-chinese army

नई दिल्ली।/ बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में सेनाओं के बीच तनाव को लेकर भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के अफसरों में शुक्रवार शाम बातचीत हुई। दोनों ही देशों ने मौजूदा हालात की समीक्षा की। जानकारी के मुताबिक दोनों ही देशों का मानना है कि मतभेदों को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए ही हल करना चाहिए।

मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए बातचीत जारी
इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने शुक्रवार को कहा कि अभी सीमा पर भारत और चीन के बीच हालात स्थिर और नियंत्रण करने लायक हैं। हमारे पास सीमा से जुड़े मुद्दों के लिए पूरा मैकेनिज्म है और मिलिट्री और डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए भी बातचीत जारी रखते हैं। हम इस मामले को अच्छी तरह से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत और चीन सेनाओं के बीच लद्दाख में तनाव

तनाव कम करने के लिए भारत के पास विस्तृत प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक, भारत चीन के सामने पेंगॉन्ग सो, गलवान घाटी और डेमचोक में दोनों सेनाओं के बीच तनाव को कम करने के लिए खास प्रस्ताव पेश करेगा। पिछले एक महीने से इन्हीं इलाकों में दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव सामने आ रहा है। माना जा रहा है कि भारत इस इलाके में यथा स्थिति बनाए रखने की बात चीन से कहेगा।

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हालिया तनाव को लेकर अब तक दोनों देशों के बीच 10 बार बातचीत हो चुकी है। यह बातचीत लोकल कमांडर स्तर पर और मेजर जनरल रैंक के अफसरों तक के बीच में हुई है। हालांकि, अभी तक इन चर्चाओं का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है।

भारत और चीन के विदेश मंत्रालयों के अफसरों में शुक्रवार शाम बातचीत हुई

मई में दोनों सेनाओं के बीच तीन बार झड़प हुइ
भारत और चीन के सैनिकों के बीच इस महीने तीन बार झड़प हो चुकी है। इन घटनाओं पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय सैनिक अपनी सीमा में ही गतिविधियों को अंजाम देते हैं। भारतीय सेना की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पार एक्टिविटीज की बातें सही नहीं हैं। वास्तविकता में यह चीन की हरकतें हैं, जिनकी वजह से हमारी रेगुलर पेट्रोलिंग में रुकावट आती है