भारत ने लद्दाख के पैंगॉन्ग झील के पास सबसे खतरनाक मार्कोस कमांडो तैनात किये गये

नेवी ने ईस्टर्न लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के पास अपने सबसे खतरनाक मार्कोस कमांडो तैनात कर दिए हैं। मार्कोस को दाढ़ी वाली फोर्स (Beard Force) भी कहा जाता है। इस इलाके में एयरफोर्स के गरुण कमांडो और आर्मी की पैरा स्पेशल फोर्स पहले से ही मौजूद है। हालांकि, भारत ईस्टर्न लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव को खत्म करने के लिए बातचीत कर रहा है। लेकिन, चीन की चालबाजी को देखते हुए यहां ताकत भी बढ़ाई जा रही है।

सरकार के सूत्रों ने बताया कि लद्दाख में मार्कोस तैनात करने का फैसला इसलिए लिया गया, ताकि तीनों सेनाओं के सबसे बेहतरीन कमांडो लद्दाख के मुश्किल हालात से तालमेल बिठा सकें। इस तैनाती से मार्कोस को बेहद सर्द मौसम में ऑपरेशन को अंजाम देने का अनुभव मिल सकेगा।

चीनी सेना के सामने तैनात हुए मार्कोस कमांडो

सूत्रों के मुताबिक, मार्कोस कमांडो उसी एरिया में तैनात किए गए हैं, जहां भारतीय और चीनी सेना इस साल अप्रैल के बाद से आमने-सामने हैं। नौसेना के कमांडोज को जल्द ही झील में ऑपरेशन के लिए नई बोट भी मिलने वाली हैं।

गरुण कमांडो, पैरा स्पेशल फोर्स पहले से मौजूद

अब तक लद्दाख में आर्मी और एयरफोर्स का मूवमेंट चल रहा था। अब इसमें नेवी भी शामिल हो गई है। सेना के पैरा स्पेशल फोर्स और कैबिनेट सेक्रेटेरिएट की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LaC) पर तैनात हैं। वहीं, हालात बिगड़ने पर सामरिक रूप से अहम चोटियों पर एयरफोर्स के स्पेशल गरूण कमांडो तैनात कर दिए गए थे। ये कमांडो IGLA एयर डिफेंस सिस्टम से लैस हैं।

IGLA एक शोल्डर फायर्ड सिस्टम है। इसे कंधे पर रखकर दुश्मन के एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया जा सकता है। इसे ले जाने का मकसद यही था कि चीन के फाइटर जेट या दूसरे एयरक्राफ्ट भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश न करें।

स्पेशल फोर्स ने ही चोटियों पर कब्जा किया था

आर्मी और एयरफोर्स की दोनों लड़ाकू टुकड़ियां 6 महीने से ज्यादा समय से ईस्टर्न लद्दाख में डटी हुई हैं। 29-30 अगस्त को सेना ने स्पेशल फोर्स की मदद से LaC पर कई अहम चोटियों पर कब्जा कर लिया था। उधर, चीन ने भी एलएसी पर अपने स्पेशल ट्रूप्स तैनात किए हैं।