
अंग्रेजों की जमीन पर आठ साल बाद वनडे सीरीज जीतने उतरेगी टीम इंडिया
भारत और इंग्लैंड के बीच रविवार को तीन मैचों की वनडे सीरीज का आखिरी मुकाबला खेला जाएगा। फिलहाल सीरीज 1-1 की बराबरी पर है और मैनचेस्टर में होने वाले तीसरे मुकाबले को जीतने वाली टीम सीरीज पर कब्जा जमाएगी। तीसरा वनडे दोपहर साढ़े तीन बजे शुरू होगा। इस मैच के लिए भारतीय प्लेइंग-11 में कोई बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। लॉड्र्स में खेले गए पिछले मैच में 100 रन की करारी हार मिलने के बाद भारतीय टीम मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के निर्णायक वनडे मैच में अपनी बल्लेबाजी रणनीति में थोड़ा बदलाव करना चाहेगी। टीम सतर्क होने के बजाय निर्भीक होकर खेलना चाहेगी। रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम ने हाल में समाप्त हुई टी-20 सीरीज के दौरान अति आक्रामक बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया था, जिससे काफी हद तक सफलता भी मिली। हालांकि, जिस तरीके से दूसरे वनडे में टीम ने 247 रन के कम स्कोर के लक्ष्य का पीछा किया, उसे देखकर लगता है कि डिफेंस की जगह भारत को आक्रामक होने की जरूरत है। रोहित स्वीकार करेंगे कि वह और अनुभवी शिखर धवन इंग्लैंड के रीस टॉपले और डेविड विली की शानदार स्विंग के आगे कुछ ज्यादा रक्षात्मक हो गए। फिर विराट कोहली की लगातार असफलता से समस्या बढ़ गई। रोहित और धवन जैसे अनुभवी सलामी बल्लेबाजों के सामने शुरुआती दो ओवर मेडन गए। यह सकारात्मक मानसिकता नहीं दिखाता है। इसलिए निश्चित रूप से बल्लेबाजी के तरीके में बदलाव की जरूरत होगी। ओवल में पहले वनडे में जसप्रीत बुमराह ने छह विकेट लेकर अकेले दम पर टीम को जीत दिलाई थी। ऐसे में तीसरे वनडे में भी उनसे इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद होगी। भारतीय कप्तान रोहित ने भी टीम से खास अपील की है। उन्होंने कहा- खिलाड़ी टीम की भूमिका देखने के बजाय देखें कि वे अपने खेल के बारे में क्या कुछ अलग कर सकते हैं। अगर वे उस स्थिति से टीम को बाहर निकालते हैं तो सोचिए कि उनके आत्मविश्वास में इससे कितनी बढ़ोतरी होगी।
स्टोक्स, लिविंगस्टोन फॉर्म में नहीं

इंग्लैंड की स्टार बैटिंग लाइन अप भी पहले दो मैचों में कुछ खास फॉर्म में नहीं दिखी है। मेजबान टीम में जोस बटलर, जॉनी बेयरस्टो, जेसन रॉय, बेन स्टोक्स और लियाम लिविंगस्टोन जैसे बल्लेबाज डिफेंसिव बल्लेबाजी कर रहे हैं। ऐसा लग ही नहीं रहा कि यह वही खिलाड़ी हैं, जिसने नीदरलैंड के खिलाफ 400 प्लस रन बना डाले थे।
ओल्ड ट्रैफर्ड पर सुबह होने वाले इस वनडे में बल्लेबाजी चुनौतीपूर्ण होगी। वहां गेंद काफी स्विंग करती है। भारत को यहां 2019 वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, तब बारिश ने मैच में खलल डाला था।
धवन-कोहली की भूमिका पर विचार

भारतीय कोच राहुल द्रविड़ और टीम मैनेजमेंट के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह 37 साल के शिखर धवन को अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप के लिए पहली पसंद मानते हैं या नहीं। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि धवन केवल एक ही फॉर्मेट में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं। ऐसे में निश्चित तौर पर उनकी लय प्रभावित हो रही है, क्योंकि उन्हें बाध्य ब्रेक लेना पड़ता है। वनडे विश्व कप में अभी 15 महीने का समय बाकी है और ऐसे में धवन पर गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत है। टीम मैनेजमेंट को यह सोचना होगा कि क्या आगे चलकर रोहित, धवन और कोहली ही भारत के पहले, दूसरे और तीसरे नंबर के खिलाड़ी होंगे? कोहली निश्चित रूप से इस मैच के बाद एक महीने के लंबे ब्रेक के लिए जाएंगे। इस दौरान वह अपनी खामियों को दूर करने की कोशिश करेंगे। वह बार-बार बाहर जाती गेंदों पर बल्ला टच रहे हैं और उनकी यह कमजोरी जगजाहिर हो गई है।
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