
भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला 12 अगस्त से ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा। दोनों ही टीमें इस समय अहम खिलाडयि़ों की फिटनेस से जुड़ी समस्याएं झेल रही हैं। लिहाजा, दूसरे टेस्ट के लिए भारत और इंग्लैंड दोनों के प्लेइंग-11 में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। टीम इंडिया को बॉलिंग कॉम्बिनेशन बनाना मुश्किल हो रहा है। साथ ही नंबर-3, 4 और 5 बल्लेबाजों की खराब फॉर्म भी भारतीय खेमे के लिए चिंता का विषय है।
भारत ने नॉटिंघम में हुए पहले टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी और शार्दूल ठाकुर के रूप में चार तेज गेंदबाज शामिल किए थे। इनके साथ रवींद्र जडेजा के रूप में एक स्पिन ऑलराउंडर भी मौजूद था। जडेजा और शार्दूल अच्छी बल्लेबाजी कर लेते हैं।
लिहाजा लोअर मिडिल ऑर्डर में भी भारत की बल्लेबाजी दमदार थी। अगर शार्दूल की जगह ईशांत को शामिल किया जाता है तो फिर भारत की टेल बहुत लंबी हो जाएगी और पहले से खराब फॉर्म में चल रहे टॉप ऑर्डर बल्लेबाज और भी ज्यादा दबाव में आ जाएंगे।

भारतीय टीम इस मुकाबले में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में उतारे बॉलिंग कॉम्बिेशन पर विचार कर सकती है। उस टेस्ट में दो स्पिन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन दोनों खेले थे। उनके साथ ईशांत, शमी और बुमराह उतरे थे। हालांकि बुमराह के फॉर्म में न होने से भारतीय टीम में हर समय एक बॉलर शॉर्ट नजर आया।
भारत के पास एक और विकल्प है कि शार्दूल ठाकुर की जगह हनुमा विहारी को प्लेइंग-11 में शामिल किया जाए। ऐसे में भारतीय टीम 3 तेज गेंदबाज और 1 स्पिनर के साथ उतर सकती है। विहारी ने अपने 12 टेस्ट मैचों के छोटे करियर में 300 से ज्यादा ओवर की गेंदबाजी की है। इस स्थिति में देखने वाली बात यह होगी कि टीम इंडिया जडेजा को बरकरार रखती है या उनकी जगह बतौर स्पिनर ज्यादा अटैकिंग विकल्प अश्विन को लेकर आती है।