भारत के पास दुनिया की सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और प्रौद्योगिकी प्रदान करने की अपार क्षमता है : चेक, प्रधानमंत्री पेट्र फियाला

चेक प्रधानमंत्री का भारत के किसी विश्वविद्यालय में पहला दौरा; रखी पेट्र फियाला इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ इनोवेशन की नीव एवं किया मारिक इंस्टिट्यूट ऑफ आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का दौरा; आयेगा रोबोटिक्स तथा हेल्थ इनोवेशन में आयेगा नया दौर

विश्वविद्यालय ज्ञान, रचनात्मकता और शैक्षणिक विशिष्टता और इनोवेशन का प्रतीक है; सराहा निम्स चेयरमैन डॉ. तोमर के द्वारा किये जा रहे नवाचारो को : डॉ. एलिस्का जिग़ोवा, भारत में चेक गणराज्य के राजदूत

निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान ने चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री, प्रो. पेट्र फियाला की मेजबानी करने के साथ ही ‘पेट्र फियाला ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च इनोवेशनÓ की संस्थान की नीवं भी रखी। इसमें मारिक सेंटर ऑफ आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और साइबरनेटिक्स के निर्माण का दौरा किया साथ ही यूरोपियन यूनियन के आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के प्रोजेक्ट की भी नीव रखी। इसी के साथ प्रधानमंत्री डॉ. पेटर फिअला को निम्स विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय नीतियों, राजनीति विज्ञान, उनके गतिशील नेतृत्व और कानूनी जटिलताओं की अद्वितीय समझ के असाधारण योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ, डॉ. एलिस्का जिग़ोवा भारत में चेक गणराज्य की राजदूत, चेक गणराज्य के टॉमस पोजर- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जिरी कोजाक- विदेश मामलों के उप मंत्री, पेट्रा फोजित्कोवा- डी.जी पी.एम कार्यालय, वाक्लाव स्मोल्का-सरकारी प्रवक्ता और संचार विभाग के निदेश, जकुब कज्ज्लेर- डायरेक्टर, डिपार्टमेंट ऑफ स्ट्रेटेजी एंड एनालिसिस, जीरी वोलक- फॉरेन रिलेशन यूनिट, मिलोद्लाव लुडविक- मोटोल हॉस्पिटल के निदेशक, बारबोरा- प्रोटोकॉल विभाग के निदेशक, व्लादिमीर मारिक- साइंटिफिक डायरेक्टर- चेक इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेटिक्स रोबोटिक्स, साइबरनेटिक्स, ओन्ड्रेज वेल्वेक- चेक सूचना विज्ञान, पेट्र हाजेक, वास्तुशिल्प इंजीनियरिंग संकाय सिविल इंजीनियरिंग चेक टेक्निकल यूनिवर्सिटी, प्राग, पेटर कवलिर, डायरेक्टर ऑफ न्यू टेक्नोलॉजी, बोहेमिया विश्वविद्यालय जन कोंवालिंका- वाईस रेक्टर, इंस्टिट्यूट ऑफ आर्गेनिक केमिस्ट्री, चाल्र्स यूनिवर्सिटी के प्रमुख के रूप में शामिल रहे।

कार्यक्रम के दौरान, चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री, प्रो. पेट्र फियाला ने स्वागत संबोधन में चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए निम्स विश्वविद्यालय और भारत की सराहना की और मानद उपाधि के लिए निम्स यूनिवर्सिटी का आभार व्यक्त किया। प्रो.फियाला ने स्टार्टअप, साइबर सुरक्षा, और अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में सहयोग के लिए उत्साह व्यक्त करते हुए चेक गणराज्य और निम्स विश्वविद्यालय के बीच साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने निम्स विश्वविद्यालय के सुंदर और समावेशी परिसर व यूनाइटेड नेशन के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के उद्देश्य को अपनाने के लिए प्रशंसा की।

प्रो.फियाला ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विशेषकर मेडिकल साइंस एजुकेशन और इंडस्ट्री के क्षेत्र में सहयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा, Óइन कूटनीतिक समय में, मित्रता महत्वपूर्ण है, और भारत ने एक उदाहरण स्थापित किया है। एक वैश्विक चिकित्सा स्रोत और आर्थिक शक्ति के रूप में, हमारी प्राथमिकताएं महत्वपूर्ण मोर्चों पर संरेखित हैं। मैं अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक सहयोग में महत्वपूर्ण संभावनाओं की कल्पना करता हूं, खासकर कोविड-19 जैसी चुनौतियों को भारत ने जिस तरह संभाला है, वो काबिल ए तारीफ है, हम भारत सरकार के सहयोग की सराहना करते हैं।

प्रधान मंत्री फियाला ने भारत में उद्योगों की सराहना की और कहा की साइंस और इनोवेशन आने वाले समय के लिए एक यूनिवर्सल लैंग्वेज है, इसे अपनी लाइफ में हर तरीके से अपनाएं। प्रो. फियाला ने अर्थव्यवस्था, विज्ञान, इनोवेशन और अनुसंधान में भारत की प्रमुखता को स्वीकार किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए भारत को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की, और कहा चेक गणराज्य और निम्स के बीच संयुक्त प्रयासों से विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग और सहयोग में बड़ी उपलब्धियां हासिल होंगी। Óउन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसके पास दुनिया की सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और प्रौद्योगिकी प्रदान करने की अपार क्षमता है। इस अवसर पर भारत में चेक गणराज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए राजनयिक एलिस्का जिग़ोवा ने खुशी व्यक्त की और कहा कि चेक गणराज्य के प्रधान मंत्री का उनके बीच होना एक ऐतिहासिक क्षण है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य पर चर्चा करते समय तीन महत्वपूर्ण कारक सामने आते हैं: एजुकेशन, इनोवेशन और साझेदारी। उन्होंने यह भी कहा की भारत और चेक गणराज्य इन तीनो कारकों के महत्व के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान परिसर में मारिक इंस्टिट्यूट ऑफ आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स एंड साइबरनेटिक्स के उद्घाटन के साथ- साथ निम्स यूनिवर्सिटी और प्राग में चेक टेक्निकल यूनिवर्सिटी (सीटीयू) ने Óडिजिटल पार्टनरशिप के लिए इंडो-पैसिफिक-यूरोपियन हब: सस्टेनेबल वेलबीइंग के लिए विश्वसनीय डिजिटल टेक्नोलॉजीजÓ परियोजना पर सहयोग करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह परियोजना यूरोपीय संघ के कार्यक्रम का हिस्सा है।