डेयरी पशुओं में बांझपन एक भयंकर समस्या : डॉ. बेरवाल

श्रीगंगानगर। पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ के द्वारा डेयरी पशुओं में बांझपन के कारण व निवारण विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

आयोजित कार्यक्रम में केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. राजकुमार बेरवाल ने डेयरी पालन व्यवसाय में बांझपन को एक भयंकर समस्या बताते हुए कहा कि बांझपन के कारण डेयरी व्यवसायियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है तथा पशुओं को बांझपन जैसी समस्या से बचाने के लिए पशुओं को समय.समय पर खनिज लवण तथा कर्मी नाशक दवाइयां देते रहना चाहिए।

प्रशिक्षण शिविर में डॉ. दिनेश सहायक आचार्य पशु प्रस्तुति विज्ञान विभाग पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया उदयपुर ने बांझपन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर कोई पशु फुराव करता है तो उसे कृत्रिम गर्भाधान या प्राकृतिक गर्भाधान करवाने के बाद 5 ग्राम मछली का तेल या अलसी का तेल देने से गर्भधारण की संभावना बढ़ती है तथा सफेद तिल को भिगोकर देने से भी पशु के गर्भ ठहरने में काफी सहायक सिद्ध होता है तथा पशु के ज्ञाभिन्न होने के 6 माह बाद पशु को विटामिन ए का टीका लगवाना चाहिए, जिससे बच्चों में अंधापन जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

प्रशिक्षण शिविर में केंद्र के शिक्षण सहायक डॉ. अनिल घोड़ेला तथा डॉ0 मनीष कुमार सेन ने अजोला हरे चारे को लगाने तथा खिलाने की विधि के बारे में विस्तार से बताया तथा हरे चारे का अचार बनाने के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर में 23 पशुपालकों ने भाग लिया।

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