
अलवर। शहर के मिनी सचिवालय में विस्फोटक होने की सूचना से मंगलवार सुबह हड़कंप मच गया। सूचना के बाद पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे और मिनी सचिवालय के मुख्य द्वार बंद कर जांच शुरू कर दी। अतिरिक्त जिला कलेक्टर शहर बीना महावर ने बताया कि रात करीब तीन बजे जिला कलेक्टर आर्तिका शुक्ला के मेल पर विस्फोटक होने का एक मेल प्राप्त हुआ है। जैसे ही सुबह जानकारी मिली वैसे ही तुरंत पुलिस और प्रशासन के तमाम अधिकार मिनी सचिवालय पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने मिनी सचिवालय को अपने कब्जे में ले लिया और विस्फोटक की जाँच की जा रही है। प्रशासन ने जयपुर से भी डॉग स्क्वायड की टीम को बुलाया है। जयपुर से डॉग स्क्वायड की टीम रवाना हो गई है कुछ ही देर में अलवर पहुंचने के बाद टीम द्वारा भी जांच की जाएगी। सारी जांच के बाद ही कर्मचारियों को अंदर आने दिया जाएगा।

ड्यूटी पहुंचे कर्मचारी गेट मिला बंद
रोजाना की तरह मिनी सचिवालय में काम करने वाले सभी कर्मचारी ड्यूटी पहुंचे लेकिन आज मुख्य द्वार बंद कर पुलिस ने उन्हें बाहर ही रहने को कहा इसके बाद से सभी कर्मचारी मिनी सचिवालय के बाहर ही इधर-उधर खड़े हुए।
नेता प्रतिपक्ष जूली ने सरकार पर उठाये सवाल
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि पहले जयपुर कलेक्ट्रेट एवं अब अलवर मिनी सचिवालय को बम से उड़ाने की धमकी बेहद चिंताजनक है। प्रदेश की पर्ची वाली सरकार और अलवर के राज्य एवं केंद्रीय मंत्री की नाक के नीचे लॉ एंड ऑर्डर की धज्जियां उड़ रही है। प्रदेश में कानून नाम का इकबाल ही खत्म हो गया है, राजस्थान में पनपते जंगल राज से प्रदेशवासियों में भय का माहौल बना हुआ है। आए दिन धमकियाँ मिलना अब आम बात हो गई है l हर दिन बढ़ता अपराध, खुलेआम धमकियाँ और आम नागरिक का भयभीत होना “पर्ची सरकार का नया शासन मॉडल”। प्रदेश की जनता डरी हुई है, और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। जब तक दिल्ली से रिमोट कंट्रोल नहीं दबेगा, तब तक ये “पर्ची वाली सरकार” एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाएगी। “प्रदेश की कानून-व्यवस्था ध्वस्त, जंगलराज का बोलबाला”