
राष्ट्र प्रेम में महिलाओं के योगदान पर विचार मंथन
कोलकाता। भारतीय भाषा परिषद और भारत जैन महामंडल लेडिज विंग कोलकाता के संयुक्त संयोजन में भारतीय महिलाएँ और राष्ट्र प्रेम विषय पर चर्चा हुई। आयोजन के आरम्भ में भारतीय भाषा परिषद की अध्यक्ष डॉ कुसुम के खेमानी के अस्वस्थ होने के कारण उनकी ओर से स्वागत वक्तव्य को संस्था की प्रशासनिक अधिकारी अमृता चतुर्वेदी ने पढ कर सुनाया।
प्रधान अतिथि के रुप में ताजा टीवी के डायरेक्टर, छपते-छपते के संपादक विश्वंभर ने लड़कियों की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करते हुए समाज में पढ़ी-लिखी लड़कियों की समस्या, तलाक की समस्या, रूढ़िवादी समस्या के साथ भविष्य में आने वाली चुनौतियों की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया। राष्ट्र के लिए समर्पित समाचार पत्रों को चलाने वाली इंदु जैन आदि सशक्त महिलाओं के योगदान पर भी चर्चा हुई।
शिक्षाविद- साहित्यकार डॉ. वसुंधरा मिश्र ने देवी चौधरानी, रानी चेनम्मा, लक्ष्मीबाई, पंडिता रमाबाई, पीटी उषा, कल्पना चावला, डॉ सरला बिरला, डॉ प्रतिभा पाटिल, कादंबिनी (प्रथम चिकित्सक) जैसी देश की विशेष ख्यातिलब्ध नारी शक्तियों के योगदान पर चर्चा करते हुए उनसे प्रेरणा लेने की बात कही। शिक्षाविद वाणीश्री बाजोरिया ने कहा भारत ही ऐसा देश है जहां की नारियां वीरता- प्रतिभा आदि सभी गुणों से सम्पन्न है।
भारत जैन महामंडल लेडिज विंग कोलकाता की उपाध्यक्ष अंजू सेठिया ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि 122 वर्ष पुरानी संस्था का मूल उद्देश्य जैन धर्म के सभी संप्रदाय को एक साथ जोड़ना है। अध्यक्ष सरोज भंसाली ने धन्यवाद ज्ञापन किया। समाज सेविका डॉ सरला बिन्नानी ने कहा कि वाणी विचार और व्यवहार से मनुष्य जीवन में हर असंभव कार्य कर सकता है। भारतीय भाषा परिषद के मंत्री डॉ केयुर मजमूदार ने फेसबुक पर कार्यक्रम के लाइव प्रसारण का दायित्व संभाला।