राजस्थान के मुख्यमंत्री का संदेश किया साझा
प्राथमिकताएं निर्धारित करके हेल्थ-वर्क-लाइफ के बीच संतुलन बना सकते हैं: शिव खेड़ा
जयपुर । वर्क और लाईफ के मध्य संतुलन प्राथमिकताओं का विषय है जो व्यक्तिपरक है। वर्तमान समय में उपलब्ध टाइम-सेविंग उपकरणों की मात्रा इससे पहले इतिहास में कभी नहीं रही, फिर भी लोगों के पास पर्याप्त समय नहीं होने की शिकायत रहती है। क्योंकि कहीं न कहीं मानव जाति ने अपनी प्राथमिकताओं को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जब कोई अपनी प्राथमिकताओं में गड़बड़ी करता है तो वह यह अंतर करना भूल जाता है कि क्या अधिक आवश्यक है और क्या ज्यादा महत्त्वपूर्ण है।
जब कोई अत्यंत इम्पोर्टेंट बात को अनदेखा कर देता है, तो वह अर्जेंसी में परिवर्तित हो जाती है। मोटिवेश्नल स्पीकर शिव खेड़ा ने यह बात कही। वे ‘महामारी के दौरान हैल्थ-वर्क-लाइफ के बीच कैसे बनाए संतुलन?’ विषय पर आयोजित एक वेबिनार में बोल रहे थे।
इस वेबिनार के माध्यम से भारत में वेलनेस मूवमेंट ‘पहला सुख – इंडिया वेलनेस इनिशियेटिव’ की शुरूआत की गई है। वेबिनार का संचालन सीईओ, टाइम्स इंटरनेट, गौतम सिन्हा और संस्थापक, लाइफशिक्षा एलएलपी, आदि गुरु दास ने किया।
वेबिनार में दुनियाभर से 2 हजार से ज्यादा लोगों के रजिस्ट्रेशन किया और दर्शकों द्वारा 800 से ज्यादा प्रश्न पूछे गए। यह पहल इंडिया कम्युनिटी सेंटर, क्रैक द वेलनेस कोड (सीडब्ल्यूसी), सिलिकॉन वैली द्वारा संचालित है और इंडिफैमली फाउंडेशन द्वारा प्रबंधित है। इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की ओर से – राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष, राजीव अरोड़ा ने कहा कोविड-19 से लड़ने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
इंडिया वेलनेस इनिशियेटिव’ अगले 5 वर्षों में लोगों को स्वास्थ्य और कल्याण का ज्ञान प्रदान करने में मदद करेगा
‘पहला सुख निरोगी काया’ (हेल्थ इज वेल्थ) की अवधारणा के आधार पर, ‘पहला सुख – इंडिया वेलनेस इनिशियेटिव’ अगले 5 वर्षों में लोगों को स्वास्थ्य और कल्याण का ज्ञान प्रदान करने में मदद करेगा।
पहला सुख के चीफ मेंटोर, नरेंद्र बक्शी ने कहा कि ‘पहला सुख – इंडिया वेलनेस इनिशियेटिव’ बहुत महत्त्वपूर्ण समय में लाया गया है जब पूरी दुनिया एक वैश्विक महामारी से लड़ रही है। राजस्थान के मुख्यमंत्री, श्री अशोक गहलोत के विजन और मिशन को आगे बढ़ाते हुए इस मूवमेंट को न केवल उनका समर्थन मिला है, बल्कि संपूर्ण सिलिकॉन वैली का भी समर्थन मिला है।
यह भी पढ़ें-बदले परिवेश में बदल जाएगी शिक्षा की दुनिया: प्रो. सहस्त्रबुद्धे
यह पहल इम्युनिटी बिल्डिंग और बीमारी की रोकथाम के साथ कोविड़-19 के खिलाफ लड़ाई को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप है। ग्लोबल एलायंस ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन के निदेशक डॉ. पंकज विज ने कहा कि लाइफस्टाइल मेडिसिन के 6 महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं – फीट (एक्सरसाइज), फोर्क्स (डाइट), फिंगर्स (धूम्रपान अथवा अत्यधिक ड्रिंक करना) और इसके साथ ही नींद, तनाव एवं प्रेम (सामाजिक सम्बन्ध)। पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं जो पहले दीर्घकाल में नुकसानदायक होती थीं, कोविड के समय में, अब अल्प समय में ही खतरनाक बन गई हैं क्योंकि कमजोर इम्यूनिटी वालों को कोविड़-19 का ज्यादा खतरा है।
टीएफएल- ट्रेनिंग फॉर लाईफ डॉ. शीला नांबियार ने कहा कि अधिक मात्रा में शक्कर, प्रॉसेसड फूड और ऑयल, एक्सरसाइज में कमी, बढ़ता तनाव और चिंता हमारे मेटाबोलिक हैल्थ को प्रभावित करते हैं, जो मधुमेह, ओवरइटिंग, एडिक्टिव फूड ईटिंग, जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
अधिक से अधिक मात्रा में वेजिटेबल्स और कम मात्रा में साबुत अनाज और सीरियल्स का सेवन करना चाहिए। इसी प्रकार, एक्ससाइज के 4 पिलर्स – स्टेमिना, स्ट्रेन्थ, फ्लैक्सिबिलिटी और इनड्योरेंस को ध्यान में रखते हुए एक समग्र व्यायाम दिनचर्या विकसित की जानी चाहिए।
इस अवसर पर कई अतिथि पैनलिस्ट जैसे – पूर्व नेशनल प्रेसिडेंट, फिक्की एफएलओ, नीता बूचरा; अध्यक्ष, बीआईटीओएसए एनसीआर, और चेयरपर्सन औरा आईएनसी., नीरज शरण; मेजर जनरल सीपी सिंह (सेवानिवृत्त); चेयरमैन, टीआइई ग्लोबल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज, महावीर शर्मा और ग्रुप सीईओ, सीके बिड़ला हॉस्पिटल्स, उत्तम ने भी पैनलिस्टों के समक्ष अपने प्रश्न रखे। आयोजकों में को-चेयर, इंडीफैमिली फाउंडेशन बसंत जैन भी थे।
इससे पहले, इवोकेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें गायक रवींद्र उपाध्याय ने लाइव म्यूजिक सेशन और मदन कटारिया ने लाइव लॉफ्टर योगा परफॉर्मेंस दी। उल्लेखनीय है कि ‘पहला सुख’ की ब्रांड एंबैसेडर, प्रेमलता सांड ने इस पहल के लिए सीड फंड के रूप में 2 लाख रुपए दिए हैं। वह दूसरी बार कैंसर से लड़ रही है।