काठमांडू। नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन राजधानी काठमांडू समेत कई हिस्सों में फैल गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और उपद्रव की घटनाएं सामने आईं। अफरा-तफरी का फायदा उठाकर देशभर की जेलों से 13,500 से अधिक कैदी फरार हो गए, जबकि हिरासत में लिए गए 560 आरोपी भी भागने में सफल रहे।
हिंसक प्रदर्शन और उपद्रव
काठमांडू और अन्य हिस्सों में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के विरोध में प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और सुरक्षा बलों से झड़पें हुईं।
भगदड़ और गोलीबारी
देशभर की जेलों से 13,500 से अधिक कैदी फरार हो गए हैं। पश्चिमी नेपाल की जेल में कैदियों और सुरक्षा बल के बीच हुई झड़प में गोलीबारी हुई, जिससे 5 नाबालिग कैदियों की मौत और 4 घायल हुए। वहीं, जेल में भागने की कोशिश के दौरान 1 कैदी मारा गया और 7 घायल हुए।
हताहत और घायल
हिंसा में अब तक 30 लोग मारे जा चुके हैं और 1,033 लोग घायल हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट भवन में आग लगने के बाद सभी कानूनी कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है।
राजनीतिक जगत में हलचल
सूत्रों के मुताबिक, नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तावित किया जा रहा है, और युवा प्रदर्शनकारी उनका समर्थन कर रहे हैं। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोकने की अपील की है।
सेना और कर्फ्यू
नेपाली सेना ने कर्फ्यू की अवधि बढ़ा दी है और सुरक्षा के कारण त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। इससे हजारों विदेशी यात्री फिलहाल फंसे हुए हैं।
भारतीय मूल के नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्था
नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और निकासी के लिए एअर इंडिया ने विशेष फ्लाइट सेवा शुरू की है, जबकि विदेश मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है।