वाशिंगटन। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने इस साल स्वच्छ ऊर्जा में हुए रिकॉर्ड निवेश पर खुशी जताते हुए इसे एक नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत बताया है। गेट्स ने अपनी वेबसाइट गेट्सनोट्सडॉटकॉम पर लिखा है कि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, वर्ष 2025 में स्वच्छ ऊर्जा में अब तक का सबसे बड़ा $2.2 ट्रिलियन डॉलर का रिकॉर्ड निवेश हुआ है।
उन्होंने इस निवेश को लेकर आशा व्यक्त की और कहा, “जब दुनिया में सभी को सस्ती, विश्वसनीय और प्रचुर मात्रा में स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी, तो दुनिया अधिक स्वस्थ और समृद्ध होगी। उस लक्ष्य तक पहुँचना कठिन होगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि हम वहाँ पहुँच सकते हैं।”
बिल गेट्स ने बताया कि वह अपनी संस्था ब्रेकथ्रू एनर्जी के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा के नवाचारों को वित्त पोषित करते हैं। उनका मानना है कि जलवायु और ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निजी क्षेत्र से और अधिक निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ब्रेकथ्रू एनर्जी का मिशन स्वच्छ ऊर्जा के विचारों को प्रयोगशाला से निकालकर बड़े पैमाने पर बाजार तक लाना है।
जलवायु परिवर्तन और भारत में स्वच्छ ऊर्जा
गेट्स ने यह भी कहा कि बढ़ते तापमान के कारण गरीबी और बीमारी जैसे दोहरे खतरे बढ़ गए हैं। लोगों को जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनाने का सबसे अच्छा तरीका उन्हें स्वस्थ और समृद्ध बनाना है। उन्होंने बताया कि गेट्स फाउंडेशन गरीब देशों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ फसलों और पशुधन की नई किस्मों पर भी काम कर रहा है।
इसी बीच, भारत में भी स्वच्छ ऊर्जा में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है, जिसकी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 32 गुना बढ़ गई है। इसके अलावा, गैर-जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा क्षमता भी तीन गुना बढ़ी है। भारत सरकार 20% इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य अक्टूबर तक हासिल करने की उम्मीद कर रही है।
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