काठमांडू – भारत ने नेपाल में चावल की आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत की है. यह पहल संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) के तहत की गई है, जिसका लक्ष्य भारत की सफल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) से सीख लेकर नेपाल की खाद्य सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करना है.
तीन चरणों में पूरी होगी परियोजना
काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना अगले 12 महीनों के भीतर तीन प्रमुख चरणों में पूरी की जाएगी. पहले चरण में नेपाल की आवश्यकताओं का गहन मूल्यांकन किया जाएगा और सभी संबंधित हितधारकों को इसमें शामिल किया जाएगा. दूसरे चरण में नेपाली अधिकारियों के लिए भारत में अध्ययन यात्राओं, व्यावहारिक प्रदर्शनों और विशेषज्ञ ब्रीफिंग का आयोजन किया जाएगा. परियोजना का अंतिम चरण एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने पर केंद्रित होगा, जो स्थायी समाधानों को लागू करने में मदद करेगा.
डिजिटल तकनीक और ज्ञान के आदान-प्रदान पर जोर
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य भारत की पीडीएस के साथ ज्ञान और अनुभव के आदान-प्रदान को बढ़ावा देकर नेपाल की चावल आपूर्ति श्रृंखला में मौजूदा कमियों को दूर करना है. यह पहल डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग को भी बढ़ावा देगी ताकि खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके. दूतावास के अनुसार, परियोजना के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में लाभार्थी प्रबंधन, भंडारण, वितरण मॉडल, निगरानी, मूल्यांकन प्रणाली और शिकायत निवारण तंत्र शामिल हैं.
आईटीईसी कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण
यह महत्वपूर्ण पहल भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा 01 अगस्त को नई दिल्ली में शुरू की गई थी. इसकी घोषणा पहली बार सितंबर 2023 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र के दौरान की गई थी. इस परियोजना के तहत सभी प्रशिक्षण भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के माध्यम से आयोजित किए जाएंगे. भारतीय दूतावास ने बताया कि 2001 से अब तक 3,000 से अधिक नेपाली अधिकारियों ने आईटीईसी ढांचे के तहत भारत में प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है.