पाकिस्तान में मानसून का कहर: बादल फटा, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 234 लोगों की मौत, हालात गंभीर

मानसून
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान इन दिनों भीषण मानसूनी तबाही की चपेट में है। लगातार बारिश, बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन से देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के मुताबिक, 26 जून से अब तक 234 लोगों की मौत हो चुकी है और 596 से अधिक लोग घायल हुए हैं। देशभर में 826 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

NDMA की रिपोर्ट के अनुसार, गिलगित-बाल्तिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में हैं। बाबूसर में बादल फटने से एक ही दिन में पांच लोगों की मौत हो गई, जिनमें चार पर्यटक और एक स्थानीय निवासी शामिल हैं। एक दर्जन से अधिक लोग लापता हैं, जबकि 200 से अधिक पर्यटकों को बचाकर चिलास लाया गया है।

पाकिस्तान में मानसून का कहर
पाकिस्तान में मानसून का कहर

प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। अब तक 450 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सेना की सहायता से 27 राहत और चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं। NDMA ने चेतावनी दी है कि खतरा अभी टला नहीं है, क्योंकि उत्तरी और पहाड़ी इलाकों में और बारिश होने की आशंका बनी हुई है।

NDMA द्वारा जारी आंकड़ों में बताया गया है कि अब तक 203 पशुओं की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। बच्चे इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अकेले पंजाब प्रांत में 135 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 63 बच्चे शामिल हैं। खैबर पख्तूनख्वा में 30 बच्चों समेत 56 लोगों की जान जा चुकी है।

बीते 24 घंटों के भीतर सिंध में 24, बलूचिस्तान में 16, पीओके में 2 और इस्लामाबाद में 1 बच्चे की मौत हुई है। कई स्थानों पर मकान ढहने और पानी में बहने की घटनाएं भी सामने आई हैं। NDMA ने देशभर में लाइफ जैकेट, स्वच्छता किट, प्लास्टिक मैट और पेयजल के लिए जेरी कैन जैसी आवश्यक आपूर्तियां भेजनी शुरू कर दी हैं।

पाकिस्तान मौसम विभाग ने आगे भी तेज बारिश की चेतावनी दी है। लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, मुर्री, गलियात, चित्राल और हुंजा जैसे इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

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