रियाद। सऊदी अरब के ‘स्लीपिंग प्रिंस’ के नाम से प्रसिद्ध प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद का 36 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे पिछले 20 वर्षों से कोमा में थे। उनके निधन की जानकारी उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल बिन अब्दुल अज़ीज़ ने सोशल मीडिया पर साझा की।
प्रिंस खालिद ने लिखा, “अल्लाह के हुक्म और नियति में विश्वास रखते हुए, गहरे दुःख के साथ हम अपने प्यारे बेटे के निधन की सूचना देते हैं। अल्लाह उन्हें जन्नत नसीब करे।”
रविवार को रियाद की इमाम तुर्की बिन अब्दुल्ला मस्जिद में असर की नमाज के बाद अंतिम संस्कार की नमाज अदा की जाएगी।
साल 2005 में एक गंभीर सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद, उस समय महज 15 वर्षीय प्रिंस अल-वलीद को ब्रेन हेमरेज हुआ और वे वेजिटेटिव स्टेट में चले गए। उन्हें रियाद स्थित किंग अब्दुल अजीज मेडिकल सिटी में भर्ती कराया गया था, जहां वे वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर जीवित रहे।
अमेरिका और स्पेन सहित कई देशों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद ली गई, लेकिन वे कभी पूरी तरह होश में नहीं लौट सके।
उनके पिता ने कभी भी लाइफ सपोर्ट हटाने का निर्णय नहीं लिया और वर्षों तक अपने बेटे के बिस्तर के पास रहकर एक गहरा भावनात्मक उदाहरण पेश किया। इस पिता-पुत्र की कहानी ने न केवल अरब जगत, बल्कि दुनिया भर में लोगों को छू लिया था।
प्रिंस अल-वलीद, अप्रैल 1990 में जन्मे थे और सऊदी शाही परिवार के एक प्रमुख सदस्य के रूप में जाने जाते थे।