- यमन और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है। इलात शहर में हूती ड्रोन गिरने से अफरातफरी मच गई। इजरायल रक्षा मंत्री ने हूती नेता अब्दुल मलिक अल-हूती को खुली धमकी दी है कि जल्द ही उसका अंत तय है। इससे पहले भी इजरायल ने यमन में हवाई हमले कर कई बड़े नेताओं को मार गिराया था।
- हूती ड्रोन हमला: इलात शहर में होटल के पास गिरा, धमाका और आग
- इजरायल की धमकी: रक्षा मंत्री ने कहा – अब्दुल मलिक का समय नजदीक
- तनाव बढ़ा: यमन-इजरायल के बीच मिसाइल और ड्रोन से जंग तेज
Israel Houthie: सना। दक्षिणी इजरायल के इलात शहर में उस वक्त दहशत फैल गई जब यमन से छोड़ा गया हूती ड्रोन एक होटल के पास आकर गिरा। जोरदार धमाके के बाद इलाके में आग लग गई। राहत की बात यह रही कि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इजरायली सेना ने पुष्टि की कि यह ड्रोन यमन से दागा गया था। सीसीटीवी फुटेज और सैटेलाइट तस्वीरों से भी हमले की पुष्टि हुई है।
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इस हमले की जिम्मेदारी हूती विद्रोहियों ने खुद ली है। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि इजरायल लगातार उनके निशाने पर रहेगा। हूती संगठन का दावा है कि ये हमले गाजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में किए जा रहे हैं। हाल के महीनों में हूती लाल सागर में इजरायल से जुड़े जहाजों को भी निशाना बना चुके हैं।
हमले के तुरंत बाद इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने हूती नेता अब्दुल मलिक अल-हूती को कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा – “तुम्हारा समय भी आने वाला है, तुम्हें अपने बाकी लोगों के पास भेजा जाएगा।” काट्ज ने दावा किया कि जल्द ही यमन में इजरायली झंडा लहराएगा।
गौरतलब है कि 28 अगस्त को भी इजरायल ने यमन में हवाई हमला कर हूती सरकार के प्रधानमंत्री समेत कई अहम नेताओं को मार गिराया था। इसके बावजूद हूतियों की ताकत कमजोर नहीं हुई है। उन्होंने कई बार मिसाइल और ड्रोन इजरायल तक पहुंचाए हैं।
कौन है अब्दुल मलिक अल-हूती, जिसने छुटा दिए इजरायल के पसीने
हूती संगठन के मौजूदा प्रमुख अब्दुल मलिक अल-हूती, साल 2004 में अपने भाई और संस्थापक हुसैन अल-हूती की मौत के बाद नेतृत्व में आए। 2015 में उन्होंने यमन की सरकार को हटाकर राजधानी सना समेत बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया। अब्दुल मलिक अपनी रहस्यमय जीवनशैली के लिए जाने जाते हैं। वह कभी लंबे समय तक एक जगह नहीं रुकते और शायद ही मीडिया में दिखाई देते हों। हूतियों की ताकत अब्दुल मलिक के दौर में और भी बढ़ी है। अमेरिका और इजरायल ने कई बार यमन में बमबारी की, लेकिन हूती संगठन अपनी पकड़ बनाए हुए है। यही वजह है कि अब इजरायल सीधे उनके शीर्ष नेतृत्व को निशाना बना रहा है।