
जयपुर। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट 2024 के अंतर्गत राजस्थान आने वाले निवेशकों को अब अपनी समस्याओं के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। क्योंकि सिंगल विंडो सिस्टम के तहत सभी तरह की क्लियरेंस होंगी। इसके अलावा उनके साथ समन्वय के लिए 25 से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को लगाया गया है। ये अधिकारी उनके कांटैक्ट में रहकर उनकी समस्याओं का समाधान कराएंगे। उद्योग वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बुधवार को मीडिया कर्मियों को यह जानकारी दी।
इस दौरान उद्योग आयुक्त रोहित गुप्ता भी मौजूद रहे। राठौड़ ने कहा कि पिछली सरकार के समय हुए इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान खराब अनुभवों को लेकर गए उद्योगपतियों को पुनः राजस्थान में लाना बड़ी चुनौती है। लेकिन, हम कोशिश कर रहे हैं कि राजस्थान को व्यापार के लिए अनुकूल बनाया जाए। इसके लिए बड़े पैमाने पर प्रशासनिक सुधार किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत व्यवसाय करने की लागत में कमी लाना औऱ लालफीताशाही को करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका प्रमाण यह है कि अधिकांश एमओयू ऑनलाइन हो रहे हैं। इसके लिए मोबाइल एप भी बनाया गया है। इंडस्ट्री के लिए जमीन और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं आदि की जानकारियां ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं। निवेशक https://rajnivesh.rajasthan.gov.in पर जाकर सारी जानकारी देख सकता है। राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही स्विटजरलैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है। इसका भारत को बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है। इसी कड़ी में हम 9 देशों में जाकर इंवेस्टर्स मीट कर रहे हैं ताकि वहां के निवेशकों को राजस्थान लाया जा सके।
राठौड़ 16 से 20 सितंबर तक जाएंगे कतर और यूएईः
राठौड़ ने कहाकि पिछली सरकार ने अपने चौथे साल में इंवेस्टमेंट समिट किया था। उस पर 100 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। लेकिन, राजस्थान को कोई फायदा नहीं मिला। अधिकांश एमओयू फाइलों में हैं। जबकि हम सभी एमओयू को धरातल पर लाने का काम कर रहे हैं। इसके लिए पूरी सरकार एक टीम के तौर पर काम कर रही है। अभी मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा टीम के साथ विदेश गए हुए हैं। वे खुद भी 16 से 20 सितंबर तक यूएई और कतर समेत गल्फ कंट्रीज का दौरा करेंगे। इससे पहले मुंबई में 30 अगस्त को हुई इंवेस्टर मीट में 4.50 लाख करोड़ रुपए के एमओयू हो चुके हैं।
पिछली सरकार में नेताओं और अफसरों ने निजी फायदा देखाः
उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार में रीको के माध्यम से जमीनें नीलाम करके पैसा बनाया गया। यह पैसा कहां लगा, इसका जवाब वे विधानसभा में दे चुके हैं। उस समय निवेश लाने में कुछ नेताओं और अफसरों ने अपना निजी फायदा देखा था। जबकि अब वास्तव में राजस्थान प्रदेश निवेशकों के साथ धरातल पर काम कर रहा है।
राजस्थान में निवेश के लिए ये हैं कोर सैक्टरः
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने बताया कि राजस्थान में पूंजी निवेश लाने के लिए सरकार ने कुछ कोर सेक्टर तय किए हैं। इनमें कृषि, अक्षय ऊर्जा, शिक्षा और कौशल, ऑटो औऱ ईवी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, केमिकल और पेट्रो केमिकल, पर्यट, स्टार्टअप, खनन और ईएसडीएम, आईटी और आईटीईएस समेत कई सेक्टर हैं। एंसलरी यूनिट और अन्य सेवा क्षेत्रों के माध्यम से राजस्थानी युवाओं को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
प्रवासी राजस्थानियों के लिए होगा विशेष सत्रः
कर्नल राठौड़ ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि राजस्थान के लोग व्यापार में कुशल हैं। दूसरे प्रदेशों और विदेशों में उन्होंने अपनी व्यावसायिक कुशलता का लोहा मनवाया है। उन्हें भी अपनी माटी (मातृभूमि) से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए राइजिंग राजस्थान के तहत प्रवासी राजस्थानियों के लिए अलग से विशेष सत्र रखा जाएगा। ताकि यहां निवेश को लेकर विचारों का आदान-प्रदान हो सके।