इजराइल और यूएई के नए दोस्ताना रिश्ते पकडऩे लगे हैं रफ्तार

यूएई ने 48 साल बाद इजराइल के बायकॉट वाला कानून खत्म किया

दुबई। इजराइल और यूएई के नए दोस्ताना रिश्ते रफ्तार पकडऩे लगे हैं। यूएई ने शनिवार को 48 साल पुराने उस कानून को पूरी तरह खत्म कर दिया, जिसके तहत इजराइल को बायकॉट किया गया था। इसके लिए यूएई के प्रमुख शासक खलीफा बिन जाएद अल नाह्यां ने बाकायदा आदेश जारी किया।

सोमवार 31 अगस्त भी अहम होगा। इजराइल और अमेरिका के आला अफसरों का एक दल अबु धाबी पहुंचेगा। इनकी कई दौर की मीटिंग्स होंगी। माना जा रहा है कि इजराइल और यूएई के बीच अहम ट्रेड एग्रीमेंट हो सकते हैं।

ट्रम्प का पूरा दखल

इजराइल और अमेरिका का डेलिगेशन सोमवार सुबह 10 बजे तेल अवीव से अबुधाबी के लिए उड़ान भरेगा। इस डेलिगेशन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के स्पेशल एडवाइजर जेरैड कुशनर भी होंगे। उनके अलावा इजराइल और अमेरिका के आर्थिक और सैन्य मामलों से जुड़े आला अफसर भी होंगे। इससे समझा जा सकता है कि यह मीटिंग कितनी अहम होने वाली है।

किन समझौतों की उम्मीद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बात तो तय है कि यूएई और इजराइल बहुत जल्द एक-दूसरे के देश में एम्बेसीज शुरू करेंगे। इससे डिप्लोमैटिक रिलेशन्स की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी। कारोबारी रिश्तों के लिए कुछ अहम समझौते हो सकते हैं। इजराइल अमेरिका की तर्ज पर यूएई को भी ट्रेड पार्टनर का दर्जा दे सकता है। यूएई को ईरान से खतरा है। इजराइल उसकी इस खतरे से निपटने में काफी मदद कर सकता है। लिहाजा, कल किसी सैन्य समझौते की भी संभावना है।

1972 के कानून खत्म होने के क्या मायने

अब यूएई के कारोबारी सीधे इजराइली कंपनियों से कारोबारी रिश्ते बना पाएंगे। इजराइली प्रोडक्ट बिना किसी रोकटोक के यूएई के बाजारों में बेचे जा सकेंगे। हालांकि, यह भी सही है कि बैकडोर डिप्लोमैसी के चलते दोनों देश 20 साल से संपर्क में थे। अमेरिका इसमें एक तरह से मध्यस्थता कर रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 साल में करीब 500 इजराइली कंपनियों ने यूएई में ट्रेड एग्रीमेंट किए। माना जा रहा है कि कुछ ही साल में दोनों देशों का व्यापार 15 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

फायदा दोनों देशों को होगा

इजराइल के एग्रीकल्चर मिनिस्टर एलन शूस्टर ने पिछले दिनों कहा था- रिश्ते सुधरने का फायदा यूएई को भी बहुत होगा। हम यूएई को रेगिस्तान में खेती और खारे पानी को मीठा बनाने की तकनीक देंगे। ये वहां की दो मुख्य जरूरतें हैं। हेल्थ, डिफेंस और टूरिज्म सेक्टर में हम काफी आगे बढ़ सकते हैं।