
- श्रीनागेश्वर तीर्थ में वर्चुयली महामांगलिक हुई।
- श्री नाकोड़ महातीर्थ में होने वाले चार्तुमास अभी अंतिम निर्णय होना बाकी
- भगवंत श्रीदेवचंदसागरसूरीजी म.सा.उपाध्याय श्री वैराग्यरत्न सागरजी म.सा. आदि साधु भगवंत ठाणा -15 का विहार
नागेश्वर-गुरु नवरत्न कृपापात्र, युवा हृदय सम्राट, महामांगलिकप्रदाता परम पूज्य आ.देव श्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी महाराजा, प.पू. मुनिश्रीकीर्तिरत्नसागरजी म.सा., प.पू. मुनि श्री तीर्थरत्न सागरजी म.सा., प.पू. मुनि श्री उदयरत्नसागरजी म.सा.प.पू. मुनिश्री उत्तमरत्नसागरजी म.सा. ,प.पू.मुनि श्री उज्जवलरत्नसागर जी | म.सा.,प.पू.मुनि श्रीगंभीररत्न सागर जी म.सा., प.पू.मुनि प. पू. मुनि श्री रम्यरत्नसागरजी म.सा., प.पू.मुनि श्री लब्धि रत्नसागर जी म.सा.आदि ठाणा का मालवा में सुन्दर धर्म प्रभावना के साथ नागेश्वर महातीर्थ में विराजित रहे28 अप्रेल को रामगंजमंडी से विहार कर युवा जैनाचार्य श्री विश्वरत्न सागरसूरीजी म.सा. का आगमन भी
श्रीनागेश्वर महातीर्थ में हो गया था। 12 मई को वर्चुयली महामांगलिक का आयोजन हुआ। प्रत्यक्ष में श्रावकश्राविका की उपस्थिति नहीं रही। आचार्य श्री मृदुरत्नसागर सूरीजी म. सा.आदि ठाणा का सीतामऊ से विहार कर श्रीनागेश्वर महातीर्थमें आगमन हुआ था गुरु नवरत्न कृपापात्र, युवाहृदय सम्राट, महा मांगलिक प्रदाता परम पूज्य आ.देव श्री विश्वरत्न सागर सूरीश्वरजी महाराज का नागेश्वर महातीर्थ से कोटा होते हुवे जयपुर की ओर विहार 20 मई को हुआ चातुमासिक आराधना पर भी निर्णय नही हुआ है जयपुर में इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जायेगा, विहार में आपके साथ आचार्य भगवंत श्रीदेवचंद सागरसूरीजी म.सा उपाध्याय श्री वैराग्य
रत्नसागरजी म.सा..आदि साधुसाध्वीजी ठाणा -15 है पूज्य आ.देव श्री विश्वरत्नसागर सूरीश्वर जी महाराजा के साथ चर्चा में विहार का निर्णय हुआ जयपुर पहुंचने के बाद यह भी संभावना है कि क्षेत्र अनुकुलता से उत्तर भारत के हिमाचल प्रातः के कागंडा आदि तीर्थों की यात्रा के साथ इस बार इसी क्षेत्र में चार्तुमास हो श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथमहातीर्थ में चार्तुमास करने का निर्णय भी पेडिंग में है किन्तु कोरोना महामारी गंभीरता की स्थिति और सरकारी गाईड लाईन पर भी सब कुछ निर्भर करता है। चातुमार्सिक आराधना पर भी तो प्रश्न खड़ा हो गया है, आगे समय में क्या बदलाव होता है उसके अनुसार निर्णय होगा।