
योजना का करवाया जाएगा संपूर्ण विकास
जयपुर। जयपुर विकास आयुक्त ने गौरव गोयल ने बताया कि वेस्ट-वे हाईट्स योजना की सभी बाधाओं को दूर करते हुए शीघ्र विकास करने के लिए कार्यकारी समिति की आयोजित बैठक में काश्तकारों द्वारा दिये गये प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
जेडीसी ने उक्त योजना के योजना में संपूर्ण विकास जैसे कि पार्क, बिजली, सीवर, सड़क एवं स्ट्रीट लाईट आदि मूलभूत सुविधाऐं विकसित करने हेतु जेडीए सचिव को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए एवं निदेशक अभियांत्रिकी-ाा को उक्त योजना में संपूर्ण विकास कार्य करवाने के लिए कहा।
कार्यकारी समिति की बैठक में प्रस्तुत निम्न प्रस्तावो को मंजूरी दी गई है-
- नये भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013 के धारा 24(2) के आधार पर खातेदारों द्वारा अवाप्ति को चुनौती दी गई है एवं 25 रिट याचिकाऐं माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। इनमें से अधिकाशं रिट याचिकाकर्ताओं द्वारा उनके विकल्प पत्र अनुसार यथा सम्भव विकसित भूमि दिए जाने की स्थिति में माननीय उच्च न्यायालय में लम्बित अवाप्ति को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं को वापस (विड्रो) लेने के लिए अपनी सहमति दी गई है।
- ऐसे प्रकरण जिनमें खातेदारों को लॉटरी के माध्यम से विकसित भूमि का आवंटन पत्र/पट्टा जारी कर दिया गया है परन्तु मौके पर कब्जा नहीं मिलने के कारण अथवा आवंटित भूखण्ड की लोकेशन से संतुष्ट न होने के कारण खातेदारी द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका दायर कर स्थगन प्राप्त कर लिया गया है एवं/अथवा खातेदार की भूमि का कब्जा प्राप्त ना हो पाने के कारण उक्त क्षेत्र में योजना विकसित नहीं होपा रही है- नगरीय विकास विभाग के आदेश दिनांक 24.09.2020 में प्रावधान किया गया है कि ‘‘मुआवजे के बदले 15/25 प्रतिशत विकसित भूमि उसी भूमि/योजना में से आंवटित की जावे और यदि संभव नहीं हो तो कारण अंकित करते हुए उसके समकक्ष/समतुल्य भूमि से आवंटित की जावे’’। अतः यदि इस प्रकार के प्रकरण में योजना की प्लानिंग को यथावत रखते हुए खातेदार की स्वयं की भूमि में आने वाले विकसित भूखण्ड प्राप्त करने के लिए यदि खातेदार की स्वयं की भूमि में आने वाले विकसित भूखण्ड प्राप्त करने के लिए यदि खातेदार सहमत होता है तो यथासंभव ऐसे खातेदारों को पूर्व में आवंटित भूखण्डों को निरस्त करते हुए उनकी स्वयं की भूमि में से भूखण्ड आवंटित कर दिये जावे बशर्तें वो न्यायलय से मुकदमा वापस लेकर अपनी सम्पूर्ण भूमि का कब्जा जयपुर विकास प्राधिकरण को समर्पित करें।
- ऐसे प्रकरण जिनमें खातेदार को आवंटित भूखण्ड का कब्जा आवंटित भूखण्ड की भूमि पर स्थगन होने के कारण जविप्रा द्वारा उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। ऐसे प्रकरणों में समान क्षेत्रफल के समान सड़क की चौड़ाई पर उपलब्ध भूखण्डों की सूची बनायी जाकर खातेदारों को विवाद मुक्त वैकल्पिक भूखण्डों का आवंटन आवेदन प्राप्त होने पर सीमित लॉटरी के माध्यम से कर दिया जायेगा।