आयुक्त आनन्दी की अध्यक्षता में जेडीए की 212वीं बैठक सम्पन्न

जयपुर विकास आयुक्त आनन्दी
जयपुर विकास आयुक्त आनन्दी
  • जनहित में लिए गए महत्वपूर्ण फैसले

जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण की भूमि एवं सम्पत्ति निस्तारण समिति की 212वीं बैठक शुक्रवार को मंथन सभागार में जयपुर विकास आयुक्त आनन्दी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में जयपुर शहर के समग्र विकास और जनसुविधाओं के विस्तार से जुड़े कई अहम प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया और व्यापक जनहित में अनेक निर्णय लिए गए। बैठक के दौरान सांगानेर तहसील के ग्राम रागपुरा रूपा में 2782 वर्ग मीटर भूमि को मास्टर प्लान में स्पेशल एरिया के अंतर्गत पार्किंग के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय जयपुर शहर में तेजी से बढ़ रही पार्किंग समस्या के समाधान की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।

वहीं, विद्याधर नगर योजना के सेक्टर-7 में जेईसीसी की तर्ज पर एक आधुनिक एमआईसीई सेंटर (मीटिंग्स, इंसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंसेस, एग्जीबिशन) के निर्माण के लिए 6318 वर्ग मीटर भूमि के आवंटन को मंजूरी दी गई। यह सेंटर जयपुर को एक उभरते हुए व्यावसायिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने में मददगार सिद्ध होगा। प्राधिकरण द्वारा नारायण सागर विस्तार योजना में 1669.22 वर्गगज भूमि प्रस्तावित पुलिस थाना नारायण विहार के प्रशासनिक एवं आवासीय भवनों के निर्माण हेतु आवंटित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे क्षेत्र की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा।

इसी बैठक में पर्ल रिंगेलिया योजना के सुविधा क्षेत्र के भूखंड संख्या एफ-1 एवं एफ-2 का क्रमशः स्कूल और हॉस्पिटल निर्माण के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे जाने का निर्णय लिया गया। यह फैसले शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, प्रतापनगर सांगानेर के सामने मरीजों के परिजनों के लिए धर्मशाला निर्माण हेतु भूमि आवंटन का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजे जाने का निर्णय लिया गया। इससे दूर-दराज़ से आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को ठहरने की सुविधा मिल सकेगी। नगर निगम जयपुर ग्रेटर को बायोमेडिकल वेस्टेज ट्रीटमेंट प्लांट निर्माण के लिए ग्राम लांगडियावास, तहसील जमवारामगढ़ में 4 हेक्टेयर भूमि का आवंटन करने को हरी झंडी दे दी गई है, जो जयपुर शहर में बायोमेडिकल कचरे के प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

इसके अतिरिक्त, लालचंदपुरा आवासीय योजना के तहत खसरा सीमा से प्रभावित 9 भूखंडों के स्थान पर रिक्त भूखंडों में लॉटरी के माध्यम से पुनः आवंटन का निर्णय लिया गया। साथ ही हीरालाल शास्त्री नगर योजना में निजी खातेदारी भूमि से प्रभावित पहुंच मार्ग के कारण बाधित 8 भूखंडों को विनिमय द्वारा अन्य भूखंडों से बदलने तथा उन्हें आम सूचना के बाद लॉटरी से आवंटित करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। बैठक के समापन पर विकास आयुक्त आनन्दी ने कहा कि जयपुर के सुनियोजित विकास और जनसुविधाओं के विस्तार के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण निरंतर प्रयासरत है। समिति द्वारा लिए गए निर्णय न केवल बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगे, बल्कि जयपुर को एक स्वच्छ, सुरक्षित और आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में भी एक मजबूत आधार प्रदान करेंगे।