
वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहे जितने आरोप लगाएं, लेकिन अमेरिका जनता ने जो बाइडन को सत्ता सौंपने का फैसला सुना दिया है। पेंसिलवेनिया व जॉर्जिया के नतीजों ने उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में जीत का 270 का आंकड़ा पक्का कर दिया है।
पेंसिलवेनिया में बढ़त मिलते ही मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप की पराजय और डेमोक्रेटिक पार्टी के हाथ में अमेरिकी सत्ता आने का साफ संकेत मिल गया। हालांकि मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भी चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर कानूनी लड़ाई पर अडिग हैं, लेकिन अब इसमें ज्यादा दम नजर नहीं आ रहा।
बिडेन की सुरक्षा बढ़ाई
ट्रंप सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगा रहे हैं लेकिन वह भी चुनाव में खास दखल के पक्ष में नहीं है, ऐसे में वह सिर्फ वकीलों की बहस बन कर रह जाएगी। उधर, अमेरिकी संस्थानों ने भी बाइडन को भावी राष्ट्रपति मान लिया है। इसीलिए सीक्रेट सर्विसेस ने बाइडन की सुरक्षा बढ़ा दी है और उनके गृह प्रांत डेलवेयर में एफएए ने सुरक्षा कारणों से उड़ानों को सीमित कर दिया है।

ट्रंप की हार के मुख्य कारण
अमेरिकी महिलाओं की बड़ी नाराजगी, क्योंकि वह उन्हें अक्सर अपमानित करते रहते थे। खासकर अमेरिकी उपनगरों में रहने वाली महिलाएं ज्यादा नाराज थीं।
कोरोना महामारी के प्रति लापरवाह रवैया। अब तक 2.30 लाख से ज्यादा अमेरिकी मारे जा चुके हैं।
अश्वेत हिंसा भड़कना, जिसके कारण आंदोलन तक शुरू हो गए।
जलवायु परिवर्तन को नहीं मानना, इस कारण बड़े पैमाने पर युवा नाराज हो गए।
चुनाव में धांधली के ताजा आरोप समेत रोजाना उल्टे-सीधे बयान देना।
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