ज्योतिरादित्य सिंधिया को मातृ शोक, माधवी राजे सिंधिया का निधन

माधवी राजे सिंधिया
माधवी राजे सिंधिया

माधवी राजे सिंधिया का गुरुवार को ग्वालियर में होगा अंतिम संस्कार

भोपाल। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माताजी माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया। वे लम्बे समय से बीमार थीं और बीते दो माह से उनका दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था, जहां बुधवार सुबह उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। सिंधिया परिवार उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली से ग्वालियर ला रहे है। यहां महल में पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को ग्वालियर में किया जाएगा।

भाजपा में शोक की लहर

माधवी राजे के निधन से भाजपा में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता जी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि यह घटना हमारे लिए हृदय विदारक है। मां जीवन का आधार होती हैं, उनका निधन हमारे लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल से दिवंगत पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और परिजनों को गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने जताया शोक

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूज्य माताजी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत दु:खद समाचार है। शर्मा ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने एवं सिंधिया जी और उनके परिवार को इस वज्रपात को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

वहीं, भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने कहा की ज्योतिरादित्य सिंधिया की पूज्य माता जी माधवी राजे जी के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद हैं। उन्होंने ईश्वर से पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने एवं शोकाकुल परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में संबल प्रदान करने की प्रार्थना की है।

नेपाल की राजकमारी थीं माधवी राजे, शादी से पहले किरण राजलक्ष्मी था उनका नाम

ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे नेपाल राजघराने की राजकुमारी थीं। उनके दादा जुद्ध शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। वे राणा वंश के मुखिया भी रहे थे। शादी से पहले माधवी राजे का नाम प्रिंसेस किरण राजलक्ष्मी था। माधव राव सिंधिया से शादी के बाद मराठी परंपरा के अनुसार उनका नाम बदला गया। वह महारानी माधवी राजे कहलाने लगीं।

यह भी पढ़ें:कॉपर खदान हादसा: एक अधिकारी की मौत