कपिल सरोवर में भरेगा कार्तिक पूर्णिमा मेला

बीकानेर। कोविड प्रोटोकॉल का साथ इस साल कार्तिक पूर्णिमा का मेला भरा जाएगा। परंतु सरकारी कार्यक्रम नहीं होंगे। इस संबंध में गुरुवार शाम को एसडीएम प्रदीप चाहर ने अधिकारियों के साथ बैठक की। 19 नवंबर को भरे जाने वाले कार्तिक पूर्णिमा का आगाज देवउठनी एकादशी को धर्म ध्वजारोहण के साथ होगा। एसडीएम चाहर ने बताया कि कोरोना गाइड लाइन के साथ मेला भरा जाएगा।

जिसमे दो गज की दूरी, मास्क की अनिवार्यता होगी। बैठक के दौरान एसडीएम चाहर ने सीओ महावीर प्रसाद शर्मा को कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर तैयारी पूर्ण की जाए। मेले के दौरान मास्क का उपयोग नहीं करने वाले मेलार्थियों व ग्रामीणों से जुर्माना वसूला जाए।

इसके अलावा बीडीओ दिनेश सिंह भाटी को साफ सफाई, सरोवर की व्यवस्था तथा अन्य कार्यों को लेकर जिम्मेदारी सौपी। साथ ही सरोवर के पास स्थित शौचालय की साफ सफ़ाई को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। पानी, बिजली, चिकित्सा को लेकर भी संबंधित अधिकारियो को आवश्यक निर्देश दिए गए है।

साधु संतों की संख्या कम, नहीं होंगे सरकारी कार्यक्रम कार्तिक पूर्णिमा का मेला साधु संतों का मेला कहलाया जाता है। परंतु पिछले साल मेला नहीं भरा जाने तथा इस बार सरकार द्वारा पूर्व में मेले संबंधी जानकारी देने के कारण इस बार मेले में साधु संतों की संख्या बेहद कम है। क्योंकि मेले के लिए साधु संत हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र आदि स्थानों से आते है। वही सरकारी कार्यक्रम भी नहीं होंगे।

कार्तिक पूर्णिमा का मेला हिन्दू व सिख समुदाय की संगम स्थली हैं। ऐसे में हिन्दू श्रद्धालु के साथ साथ सिख समुदाय के लोग भी सरोवर में आस्था की डुबकी लगाते है। यह परंपरा आदिकाल से चली आ रही है।

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