निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक इन्फेक्शन है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है। यह फेफड़ों के अंदर की हवा की थैलियों में सूजन पैदा करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। निमोनिया एक जानलेवा बीमारी साबित हो सकती है, लेकिन सही इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है और इससे बचा भी जा सकता है। हर साल इस खतरनाक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए 12 नवंबर को वल्र्ड निमोनिया डे मनाया जाता है। इस बीमारी से बचाव, वैक्सीन और बेहतर इलाज के बारे में लोगों को जानकार बनाने के लिए कई तरह के कैंपेन और इवेंट्स करवाए जाते हैं। यहां हम निमोनिया के लक्षणों के बारे में जानेंगे और कुछ ऐसे तरीकों पर भी ध्यान देंगे, जिनसे फेफड़ों को हेल्दी रखने में मदद मिले और रेस्पिरेटरी डिजीज से बचाव में मदद मिल सके।
निमोनिया के लक्षण

निमोनिया के कुछ सामान्य लक्षण ऐसे हो सकते हैं-
खांसी- यह सूखी या बलगम वाली हो सकती है।
बुखार और ठंड लगना- यह इन्फेक्शन का एक सामान्य संकेत है।
सांस लेने में कठिनाई- यह गहरी सांस लेने या सांस फूलने के रूप में महसूस हो सकती है।
छाती में दर्द- यह सांस लेने या खांसने पर बढ़ सकता है।
थकान- निमोनिया के कारण शरीर कमजोर हो जाता है।
मांसपेशियों में दर्द- यह शरीर में कहीं भी हो सकता है।
सिरदर्द- यह बुखार के कारण हो सकता है।
भूख न लगना- इन्फेक्शन के कारण भूख कम लग सकती है।
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के नेचुरल उपाय
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आप कई नेचुरल उपाय अपना सकते हैं-
हेल्दी डाइट- फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, कम फैट और प्रोटीन से भरपूर डाइट लें। ये फूड आइटम्स एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
नियमित एक्सरसाइज- नियमित एक्सरसाइज फेफड़ों को मजबूत बनाने और रेस्पिरेटरी फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
स्ट्रेस मैनेजमेंट- तनाव से लडऩे के लिए योग, ध्यान या अन्य डीप ब्रीदिंग तकनीकें अपनाएं।
पूरी नींद- पर्याप्त नींद शरीर को ठीक होने और इन्फेक्शन से लडऩे में मदद करती है।
धूम्रपान छोड़ें- स्मोकिंग फेफड़ों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाती है और निमोनिया का खतरा बढ़ाती है।
दूषित हवा से बचें- जितना हो सके प्रदूषित हवा से बचें।
हाइड्रेशन- पर्याप्त पानी पीएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां- कुछ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां जैसे तुलसी, अदरक और हल्दी फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। हालांकि, किसी भी जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
योगासन- योगासन सांस को नियंत्रित करने और फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
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