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सघन पौधारोपण अभियान पर समीक्षा बैठक
जयपुर। पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में बुधवार को वर्ष 2025 मे सघन पौधारोपण करने के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। पंचायती राज मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के आह्वान पर पिछली बार हमने प्रदेश में सात करोड़ पौधे लगाए थे। हम इस बार 25 करोड़ पौधे लगाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी मानसून सत्र को ध्यान में रखते हुए पौधारोपण की पूर्व तैयारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आने वाले समय को पर्यावरण के लिए चुनौती बताते हुए अधिकाधिक पौधे लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इस बार हमने 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि पौधारोपण के लिए मनरेगा के माध्यम से गढ्ढे खुदवाए जाएंगे। ऐसे में एक पेड़ मां के नाम – हरियालो राजस्थान अभियान के तहत पौधारोपण/वृक्षारोपण किया जाएगा। मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यदि मन बनाओगे तो हर काम संभव है।
इस बार भी कोशिश करेंगे कि मुख्यमंत्री के निर्देशों की पूरी तरह पालना हो। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर पौधे लगाने है। मंत्री दिलावर ने कहा कि तापमान को नियंत्रण में रखने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाकर उन्हें पेड़ बनाना है। पर्यावरणविदों के अनुसार एक व्यक्ति के करीब 420 पौधे होने चाहिए जबकि प्रदेश में यह अनुपात महज 28 पौधों का ही है। एक जुलाई से पौधारोपण/वृक्षारोपण अभियान शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जगह की कमी नहीं है। उन्होंने पौधारोपण/वृक्षारोपण के लिया स्थान चिंहित करने के निर्देश दिया। ग्राम पंचायत स्तर से लेकर सभी राजकीय परिसरों, श्मशान, कब्रिस्तान, खेल मैदान , विद्यालय, ओरण क्षेत्र, चारागाह क्षेत्र, स्टेट राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग आदि सभी जगह पौधारोपण/वृक्षारोपण करना है।
उन्होंने कहा की इन स्थानों पर इतने पेड़ लगाये जाए कि 4 वर्ष बाद इन स्थानों पर एक अलग प्रकार का खुशनुमा माहौल और सघन पौधारोपण हो जाए ताकि यह सभी स्थल एक रमणीय स्थल बन सके । उन्होंने कहा कि पौधों के चयन में स्थानीय जलवायु एवं मिट्टी की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए पौधरोपण/वृक्षारोपण किया जाएगा। पंचायती राज मंत्री ने अभियान की पारदर्शिता एवं प्रभावशीलता के लिए निगरानी तंत्र को मजबूत करने के निर्देश दिए। बैठक में डॉ जोगा राम, शासन सचिव एवं आयुक्त पंचायती राज विभाग सहित पंचायती राज विभाग, वॉटर शेड विभाग सहित वन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, ग्रामीण विकास विभाग आदि के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।