
कोझीकोड। केरल के कोझीकोड हवाई अड्डे पर सात अगस्त को दुर्घटनाग्रस्त होने वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस की विमान का ब्लैक बॉक्स दिल्ली लाया गया है। यहां नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की लैब में जांच चल रही है। डीजीसीए के महानिदेश अरुण कुमार ने बताया कि कोझिकोड में हुए विमान हादसे की जांच शुरू हो चुकी है, परसों रात ही हमारी पहली टीम कालीकट के लिए रवाना हो गई थी। शनिवार को एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो भी घटनास्थल पर पहुंच गया था। जल्द ही हमारे पास बरामद ब्लैक बॉक्स से सभी प्रतिलिपि होंगे। हम विमान के मूल उपकरण की जांच करने और दोषों की जांच करने के लिए बोइंग से बात कर रहे हैं। गहन और निष्पक्ष जांच करने के बाद ही हम बता सकते हैं कि वास्तव में क्या हुआ था।
अरुण कुमार ने कहा कि एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और बाकी चीजें लेकर वापस आ गया है और उनकी जांच शुरू कर दी है। चूंकि यह एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय विमानन संस्थाएं भी जांच में हमारी सहायता कर रही हैं। शुरुआती सूचना में पता चला है कि टचडाउन लेट हुआ। 3,000 फीट के बाद टचडाउन हुआ, जो लेट टचडाउन है और हल्की बारिश भी हो रही थी, जिसके बाद विमान फिसल गया। रनवे और सेफ्टी एरिया को भी क्रास कर गया और 10 फीट नीचे चला गया।
उन्होंने बताया कि कुछ अंतरराष्ट्रीय हवाई संचालन पहले ही शुरू हो चुके हैं। यात्रियों को भारत से जाने और आने की अनुमति है। यह ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस जैसे देशों के साथ बब्बल मैनेजमेंट पर निर्भर करता है। पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन की बहाली पूरे विश्व में फैले कोरोनो वायरस की स्थिति पर निर्भर करेगी। बहुत सारे देश अभी भी क्वारंटीन उपायों को लागू कर रहे हैं, इसलिए पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन में कुछ समय लगेगा।
अरुण कुमार ने कहा कि मंगलूरू हवाई दुर्घटना के बाद, एक समिति ने टेबल-टॉप रनवे के संबंध में सुझाव दिए थे। कालीकट हवाई पट्टी के लिए, इसकी फुटपाथ की ताकत में सुधार करने और इसके रनवे और सुरक्षा क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सुझाव दिया गया था। जिसके बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने रनवे पर फिर से कब्जा कर लिया था और 2016 इसकी मजबूती पर काम किया गया था।