
आपने महिलाओं में होने वाले पीएमएस के बारे में तो सुना होगा। इस दैरान मूड में काफी बदलाव होते हैं और कुछ शारीरिक बदलाव भी होते हैं, जो एस्ट्रोजेन हार्मोन में कमी आने की वजह से होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुषों में भी कुछ ऐसे बदलाव देखने को मिलते हैं। जी हां, पुरुषों में भी हार्मोन्स के लेवल में उतार-चढ़ाव होता है, जिसके कारण उनके इमोशन्स में बदलाव देखने मिल सकते हैं। पुरुषों में होने वाले इस हार्मोनल बदलाव को इंट्रेबल मेल सिंड्रोम कहा जाता है। इस आर्टिकल में इस बारे में जानेंगे कि यह क्या होता है, क्यों होता है और कैसे इसे मैनेज किया जा सकता है। आइए जानें।
क्या है इंट्रेबल मेल सिंड्रोम

पुरुषों में टेस्टोस्टिरोन एक बेहद अहम हार्मोन होता है, जो शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा, बोन डेंसिटी, सपर्म बनाने, मांसपेशियां और लाल रक्त कोशिकाएं बनाने के लिए जरूरी होता है। यह पुरुषों में टीनेज में होने वाले शारीरिक बदलाव के लिए भी जिम्मेदार होता है। साथ ही, यह हार्मोन नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करता है। इसलिए इस हार्मोन में बदलाव होने की वजह से इसका प्रभाव पुरुषों के शारीरिक और मानसिक रूप से पड़ता है। एनआईएस के मुताबिक, इंट्रेबल मेल सिंड्रोमएक ऐसी अवस्था है, जिसमें पुरुषों में टेस्टोस्टिरोन हार्मोन के स्तर में गिरावट की वजह नर्वसनेस, इरीटेबिलिटी, थकान और डिप्रेशन जैसी समस्याएं होती हैं। हार्मोन्स में इस बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे बढ़ती उम्र, लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, खराब डाइट, एक्सरसाइज न करना, नींद पूरी न होना, वजन बढऩा या घटना, कोई मेडिकल कंडिशन आदि।
इंट्रेबल मेल सिंड्रोम के लक्षण

मूड स्विंग्स
थकान
गुस्सा
डिप्रेशन
शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा में कमी
हाइपरसेंसिटिविटी
एंग्जाइटी
फोकस और याददाश्त कमजोर होना
इमोशनल विड्रॉल
लोगों से मिलना या बात करना पसंद न आना
कैसे कर सकते हैं इंट्रेबल मेल सिंड्रोम को मैनेज?
संतुलित आहार- अपनी डाइट में सभी पोषक तत्वों को शामिल करें। इसके लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज, डेयरी प्रोडक्ट्स, फिश, मछली, अंडे आदि को शामिल करें। एक्सरसाइज- एक्सरसाइज करने से मूड स्विंग्स को मैनेज करने और हार्मोन लेवल को संतुलित करने में काफी मदद मिल सकती है। इसलिए रोज थोड़ी देर एक्सरसाइज करें और एक्टिव लाइफस्टाइल फॉलो करें। तनाव मैनेज करें- स्ट्रेस के कारण ढ्ढरूस् के लक्षण और गंभीर हो सकते हैं, इसलिए स्ट्रेस मैनेजमेंट के टिप्स अपनाएं। योग, मेडिटेशन, जर्निंग आदि की मदद से स्ट्रेस कंट्रोल में काफी मदद मिलती है।
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