
पिछले कुछ सालों में थायरॉइड के मामले तेजी से बढ़े हैं। भारत में भी इसके मरीजों की संख्या बढ़ी है। थायरॉइड दो प्रकार के होते हैं, हाइपोथायरोडिज्म और हाइपरथायरोडिज्म। दोनों ही स्थितियां अलग-अलग तरीकों से सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। ज्यादातर महिलाएं थायरॉइड में होने वाली गड़बडिय़ों को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देती हैं, जो आगे चलकर कई दूसरी समस्याओं की वजह बन सकता है। इसलिए इसे हल्के में लेने की गलती न करें। आइए जान लेते हैं इसके बारे में विस्तार से।
क्या है हाइपोथायरोडिज्म?
थायरॉइड गले में सामने की तरफ तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है। यह ग्रंथि हार्मोन का प्रोडक्शन करती है। कई जरूरी फंक्शन के साथ थायरॉइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म को भी कंट्रोल करती है। जब थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन आवश्यकता से बहुत कम होता है, तो इससे हाइपोथायरोडिज्म की प्रॉब्लम हो जाती है।
हाइपोथायरोडिज्म के लक्षण
वजन बढऩा

हाइपोथायरोडिज्म का जो सबसे कॉमन लक्षण है वो है वजन बढऩा। क्योंकि थायरॉइड हार्मोन मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है, तो जब इसका उत्पादन कम होता है, तो ऐसे में वजन तेजी से बढऩे लगता है। कम खाने और एक्सरसाइज के बाद भी अगर आपका वजन बढ़ रहा है, तो एक बार थायरॉइड का टेस्ट करवा लें।
कब्ज

हाइपोथायरोडिज्म में वजन बढऩे की समस्या होती है। बढ़ता वजन मतलब सेहत संबंधी कई समस्याओं की वजह, जिसमें से एक कब्ज भी है। लंबे समय तक कब्ज की समस्या बनी रहे, तो इसे इग्नोर न करें, बल्कि डॉक्टर से संपर्क करें और उनके द्वारा बताई गई जांचें भी करवाएं, जिससे थायरॉइड हार्मोन की गड़बड़ी का पता लग सके और समय रहते दवाओं की मदद से इसे ठीक किया जा सके।
अनियमित पीरियड्स
महिलाओं का रिप्रोडक्टिव सिस्टम थायरॉइड हार्मोन पर डिपेंड करता है, तो थायरॉइड हार्मोन में होने वाले उतार-चढ़ावों से पीरियड्स नियमित नहीं रहते। महीनों तक पीरियड्स आते ही नहीं और कई बार तो 5-6 दिनों से भी ज्यादा चलते ही रहते हैं। दोनों ही स्थितियां सेहत के लिए सही नहीं।
बाल झडऩा
वैसे तो बाल झडऩा आजकल कॉमन प्रॉब्लम है, लेकिन ये हाइपोथायरोडिज्म की वजह से भी हो सकता है। झडऩे के साथ ही बाल रूखे और बेजान भी नजर आते हैं। बालों के साथ हाइपोथायरोडिज्म में नेल्स भी कमजोर होकर टूटने लगते हैं।
स्किन ड्राई होना
अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा ड्राई रहती है, तो ये भी हाइपोथायरोडिज्म का संकेत हो सकता है। ड्राइनेस की वजह से खुजली की समस्या बढ़ सकती है। ये ड्राइनेस हाथ और पैरों पर ज्यादा नजर आती है, लेकिन हथेलियांं और पंजे भी इसकी वजह से ड्राई नजर आते हैं।
कैसे बच सकते हैं इस समस्या से?
हाइपोथायरोडिज्म से बचे रहने के लिए हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज पर खासतौर से ध्यान दें। डाइट में प्रोटीन से भरपूर चीज़ों की मात्रा बढ़ाएं। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चीज़ें अवॉयड करें। कैफीन, शुगर से भी दूर रहें।
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