
17 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो रहे हैं। भारतीय संस्कृति और धर्मग्रंथों में जीव-जंतुओं को भोजन कराना एक पुण्य कर्म माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि विभिन्न जानवरों को भोजन देने से व्यक्ति को अलग-अलग शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह न केवल जीवों के प्रति दया का प्रतीक है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताएं भी हैं।
1. गाय को भोजन कराना
गाय को धार्मिक रूप से अत्यंत पवित्र माना गया है। गाय को रोटी, चारा या गुड़ खिलाने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसके साथ ही यह सुख-समृद्धि और संतोष का प्रतीक है। गाय को भोजन देने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, पारिवारिक सुख-शांति और आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
2. कुत्ते को भोजन कराना
कुत्ते को भोजन देने से घर की सुरक्षा और शत्रुओं से बचाव होता है। कुत्ते को भोजन कराने से विशेष रूप से राहु और केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण होता है।
3. चींटियों को भोजन देना
चींटियों को आटा या शक्कर डालने से पितृ दोष का निवारण होता है। इसे गरीबों को भोजन कराना भी माना जाता है। इसके अलावा, चींटियों को भोजन देने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और समृद्धि बढ़ती है। यह माना जाता है कि चींटियों को नियमित भोजन देने से व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
4. कौवे को भोजन कराना
कौवा पितरों का प्रतीक होता है। कौवे को भोजन देने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितृ दोष के निवारण के लिए श्राद्ध कर्मों में विशेष रूप से कौवे को भोजन दिया जाता है। कौवे को रोटी या अन्य भोजन देने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
5. बंदर को भोजन कराना
बंदर को फल या रोटी देने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। बंदर को भोजन देने से जीवन में बल, साहस और शक्ति की वृद्धि होती है। यह माना जाता है कि बंदर को भोजन देने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और संकटों से मुक्ति मिलती है।
6. मछलियों को आहार देना
मछलियों को आटा या दाना डालने से जल तत्व की शुद्धि होती है और जीवन में मानसिक शांति प्राप्त होती है। मछलियों को भोजन देने से गृह शांति और सुख-सौभाग्य का वास होता है। यह माना जाता है कि मछलियों को भोजन देने से वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।