
अक्सर हिचकी आने पर आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि कोई याद कर रहा होगा। आमतौर पर हिचकी आने पर लोग यही मानते हैं और उन लोगों का नाम मन में दोहराने लगते हैं, तो आपको याद कर सकता है। हिचकी से जुड़ी यह धारणा मन को खुश करने के लिए काफी अच्छा है, लेकिन असलियत इससे बिल्कुल उलट है। दरअसल, हिचकी आने के पीछे का कारण किसी को याद करना नहीं, बल्कि साइंस होता है। साइंस की भाषा में अगर कहे तो आपके डायाफ्राम की बार-बार होने वाली ऐंठन की वजह से हिचकी आती है। आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे हिचकी आने के पीछे के इसी साइंस के बारे में। जानिये क्यों आती है हिचकी, इसके पीछे यह है साइंटिफिक रीजन
क्या आती है हिचकी?

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक हिचकी अक्सर कुछ समय के लिए परेशान करने वाली कंडीशन से ज्यादा कुछ नहीं होती। अगर आप बहुत तेजी से खाते हैं या फिजी पॉप पीते हैं, तो अचानक हिचकी आ सकती है। यह आपके डायाफ्राम की बार-बार होने वाली ऐंठन है, जो आपके वॉकल कॉड्र्स के बंद होने से आने वाली हिक साउंड के साथ सुनाई देती है। आपका डायाफ्राम एक पतली, गुंबद के आकार की मांसपेशी है, जो आपकी छाती को आपके पेट से अलग करती है। जब आप सांस लेते हैं तो यह नीचे की ओर बढ़ती है और जब आप सांस छोड़ते हैं तो यह ऊपर की ओर बढ़ती है। ऐसे में जब आपको हिचकी आती है, तो दो चीजें होती हैं। सांसों के बीच आपका डायाफ्राम अचानक नीचे की ओर खिंच जाता है, जिससे आप तेजी से हवा खींचने लगते हैं। ज्यादा हवा को अंदर आने से रोकने के लिए ग्लोटिस (आपके वोकल कॉर्ड के बीच का स्थान) अचानक बंद हो जाता है।
हिचकी के प्रकार
आमतौर पर हिचकी कितनी तरह की होती है, इसे इस आधार पर बांटा जाता है कि वह कितने समय तक रहती हैं।