गाजा में चल रहे इजरायल के हमले के खिलाफ यूरोपीय संघ (EU) ने इज़राइल के खिलाफ प्रतिबंध लगाने और आंशिक व्यापार निलंबन की मांग तेज कर दी है। हालांकि, इस मुद्दे पर यूरोपीय संघ के भीतर गहरा मतभेद है, और सभी सदस्य देश एकमत नहीं हैं। यूरोपीय संघ को प्रतिबंधों को लागू करने के लिए सभी सदस्यों की सहमति या एक योग्य बहुमत (27 में से 15 सदस्यों का, जो कुल जनसंख्या का कम से कम 65% प्रतिनिधित्व करते हैं) की आवश्यकता होती है, जो वर्तमान में विभाजित मतों के कारण हासिल करना मुश्किल हो सकता है।
गाजा में मानवीय संकट: यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने गाजा में “मानव निर्मित भुखमरी” और मानवीय संकट को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि बच्चों और मानवता की खातिर इसे रोका जाना चाहिए।
हथियार व्यापार पर प्रतिबंध: स्लोवेनिया इज़राइल के साथ सभी हथियारों के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला यूरोपीय संघ राष्ट्र बन गया है। इसके अलावा, जर्मनी, स्पेन और बेल्जियम जैसे कुछ अन्य देशों ने भी अपने स्तर पर इज़राइल को हथियारों की आपूर्ति सीमित या निलंबित कर दी है।
बस्तियों के साथ व्यापार: बेल्जियम, फ़िनलैंड, आयरलैंड, लक्ज़मबर्ग, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवेनिया, स्पेन और स्वीडन सहित नौ यूरोपीय संघ के देशों ने इज़राइली बस्तियों के साथ व्यापार समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। उनका तर्क है कि ये बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध हैं और शांति प्रक्रिया में बाधा डालती हैं।
आंतरिक मतभेद: जर्मनी और हंगरी जैसे कुछ देश यूरोपीय संघ द्वारा इज़राइल पर व्यापक प्रतिबंध लगाने के खिलाफ हैं। जर्मनी का मानना है कि अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में प्रतिबंधों का इज़राइल की नीतियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा।
व्यापारिक संबंध:
यूरोपीय संघ इज़राइल का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार काफी महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि कोई भी प्रतिबंध या व्यापार निलंबन इज़राइल की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।