रिलायंस : 7558 करोड़ रु. का निवेश करेंगे ADIA और सउदी का PIF

नई दिल्ली। अबु धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और सउदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) संयुक्त रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के फाइबर कारोबार में 1.01 बिलियन डॉलर यानी 7558 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। यह निवेश फाइबर-ऑप्टिक असेट्स के इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) के माध्यम से किया जाएगा। जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड के पास पूरे देश में जियो के फाइबर नेटवर्क का स्वामित्व है।

3779-3779 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे दोनों फंड

रिलायंस की एक प्रजेंटेशन में बताया गया कि ADIA और PIF दोनों अलग-अलग InvIT के जरिए 3779-3779 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। रिलायंस ने कहा कि RIL की सब्सिडियरी रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग्स लिमिटेड (RIIHL) ने डिजिटल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (DFIT) के रि-कैपिटलाइजेशन का कार्य पूरा कर लिया है। रिलायंस ने कहा कि RIIHL, InvIT के स्पॉन्सर बनी रहेगी। हालांकि, रिलायंस ने यह जानकारी नहीं दी कि इस निवेश के बदले दोनों सॉवरेन वेल्थ फंड को InvIT की कितनी हिस्सेदारी मिलेगी।

रिलायंस : 7558 करोड़ रु. का निवेश करेंगे ADIA और सउदी का PIF

जियो प्लेटफॉर्म्स में भी निवेश कर चुके हैं यह दोनों सॉवरेन वेल्थ फंड

रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 32.96% हिस्सेदारी बेचकर अप्रैल से अगस्त के दौरान 1,52,096 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसमें इन दोनों सॉवरेन वेल्थ फंड समेत अन्य निवेशकों ने भी निवेश किया है। रिलायंस ग्रुप जियो को असेट-लाइट डिजिटल कंपनी बनाना चाहती है। साथ ही ग्रुप किफायती 5G सेवाओं पर फोकस कर रहा है। इसके लिए ग्रुप फाइबर नेटवर्क कारोबार का मॉनेटाइजेशन कर रही है।

टेलीकॉम टावर असेट्स के लिए मिल चुके हैं 25,215 करोड़ रुपए

पिछले साल रिलायंस को टेलीकॉम टावर असेट्स कारोबार की InvIT होल्डिंग्स के जरिए 25,215 करोड़ रुपए का निवेश मिल चुका है। यह निवेश कनाडा की ब्रुकफील्ड असेट मैनेजमेंट के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से मिला था। 31 मार्च 2020 तक जियो डिजिटल फाइबर ऑप्टिक फाइबर केबल नेटवर्क प्रतिकिलोमीटर 17.37 मिलियन फाइबर पेयर का संचालन कर रहा था।

मार्च 2019 में अलग-अलग हुई थीं सब्सिडियरी

रिलायंस ने मार्च 2019 में अपनी टेलीकॉम सब्सिडियरी रिलायंस जियो को फाइबर और टावर कारोबार से अलग किया था। बाद में इनको जियो डिजिटल फाइबर प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस जियो इंफ्राटेल प्राइवेट लिमिटेड के रूप में व्यवस्थित किया था। इससे रिलायंस को इनके असेट्स को बैलेंस शीट से हटाने में मदद मिल गई थी। अब यह दोनों कंपनियां स्वतंत्र इकाई के तौर पर ऑपरेट करती हैं और रिलायंस जियो इंफोकॉम इनका स्पॉन्सर है।