केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में 26 जनवरी को किसानों के साथ कांग्रेस ने भी ट्रैक्टर रैली में निकालने का फैसला किया है। ट्रैक्टर रैली में कांग्रेस के झंडे की जगह तिरंगा लगाया गया। प्रदेश कांग्रेस ने छह जिलों के विधायकों, जिला प्रभारियों और नेताओं को कल शाम तक ट्रैक्टर लेकर कोटपूतली पहुंचने के निर्देश दिए हैं।
26 जनवरी को सुबह कोटपूतली से कांग्रेस नेता ट्रैक्टर रैली लेकर शाहजहांपुर बॉर्डर रवाना होंगे। हर विधायक को 100 ट्रैक्टर के साथ रैली में आने का टारगेट दिया गया है। 26 को राहुल गांधी का भी ट्रैक्टर रैली में आने का कार्यक्रम बन सकता है।
किसान ट्रैक्टर रैली के लिए अलवर, भरतपुर, सीकर, झुंझुनूं,जयपुर, चूरू जिलों के नेताओं को ज्यादा टारगेट दिए गए हैं। किसान आंदोलन का कांग्रेस शुरू से समर्थन कर रही है, लेकिन ग्राउंड जीरो पर आंदोलन में कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही थी।
राजस्थान में वामपंथी दलों से जुड़े किसान संगठन भारतीय किसान सभा, किसानों के अन्य संगठन और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के कार्यकर्ता ही शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।
पार्टी के रणनीतिकारों ने सुझाव दिया है कि कांग्रेस को भी किसान आंदोलन में ग्राउंड जीरो पर मौजूदगी दिखानी चाहिए, इसके बिना राजनीतिक मैसेज नहीं जाएगा। इसके बाद कांग्रेस ने रणनीति के तहत किसान ट्रैक्टर रैली में शामिल होने का कार्यक्रम बनाया है। किसानों के साथ दिखने के लिए कांग्रेस ने 26 जनवरी की किसान ट्रैक्टर रैली में सक्रिय रूप से भाग लेने का फैसला किया।