अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ने के बाद दिया बयान, कहा-खूनी खेल रोकने के लिए मेरा चले जाना ही बेहतर था

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को देश छोड़ दिया। इसके बाद तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। अब गनी ने देश के नागरिकों के नाम संदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने देश छोडऩे की वजह बताई है। यह भी बताया कि उन्हें आगे क्या संभावनाएं नजर आती हैं।

तालिबान नेताओं ने रविवार रात राष्ट्रपति भवन में बैठकर चैनलों को इंटरव्यू दिया। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति गनी 50 लाख डॉलर कैश ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ये पैसा राष्ट्रपति महल के हेलीपैड पर ही रह गया।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, देर रात काबुल में कुछ धमाकों की आवाजें भी सुनाई दीं। हालांकि तालिबान के सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की। काबुल एयरपोर्ट से कॉमर्शियल उड़ानों पर रोक लगा दी गई है।

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अपने बयान में क्या कहा अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने, पढ़ें

प्यारे देशवासियों

आज मेरे सामने एक मुश्किल चुनाव था; मैं तालिबान का सामना करने के लिए खड़ा रहूं, जो हथियारों से लैस हैं और राष्ट्रपति भवन में घुसना चाहते हैं या उस देश को छोड़कर चला जाऊं जिसकी रक्षा करने में मैंने अपने 20 साल दिए हैं। अगर मैं तालिबान से लडऩे का विकल्प चुनता तो, कई नागरिक शहीद होते और काबुल हमारी आंखों के सामने तबाह होता। इस 60 लाख की आबादी वाले शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी देखनी पड़ती।

तालिबान ने ठान लिया है कि मुझे रास्ते से हटाना है। वे यहां काबुल और काबुल के लोगों पर हमला करने आए हैं। इस खून-खराबे को रोकने के लिए यही बेहतर था कि मैं यहां से चला जाऊं। तालिबान तलवारों और बंदूकों के साथ यह युद्ध जीत गए हैं और अब लोगों की इज्जत, दौलत और खुद्दारी की रक्षा करने की जिम्मेदारी तालिबान की है।

तालिबान ने लोगों का दिल नहीं जीता है। इतिहास में कभी सिर्फ ताकत के दम पर किसी को नहीं स्वीकारा गया है, न कभी स्वीकारा जाएगा। अब तालिबान के सामने बड़ा इम्तिहान है। या तो वे अफगानिस्तान के लोगों के नाम और सम्मान की रक्षा करेंगे या फिर दूसरी जगहों और अपने विस्तार पर ध्यान देंगे।

कई लोग सहमे हुए हैं और तालिबानी भरोसे के लायक नहीं हैं। यह जरूरी है कि वे देश की अवाम, अलग-अलग महकमों, बहनों और औरतों को यकीन दिलाएं कि उनका दिल जीतेंगे। आने वाले वक्त का एक प्लान बनाएं और उसे लोगों के साथ बांटें। मैं हमेशा अपने लोगों की खिदमत करता रहूंगा।

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