ईंधन का स्विच ऑफ होने से क्रैश हुआ था एअर इंडिया का विमान

एअर इंडिया का विमान
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जांच रिपोर्ट में अहम खुलासा, बाकी सब ठीक मिला

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में कुल 260 लोगों की मौत हो गई थी। विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक व्यक्ति जीवित बचा था। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा शनिवार को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट में कई अहम खुलासे किए हैं। रिपोर्ट में हादसे की वजह इंजनों के ईंधन का कट ऑफ होना बताया गया है। हालांकि रिपोर्ट में बोइंग 787-8 विमान के संचालकों के लिए अभी कोई कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। आइए विस्तार से जानते हैं इस रिपोर्ट में क्या कहा गया है….

ईंधन कट ऑफ होने को लेकर पायलट के बीच हुई थी बात

एअर इंडिया का विमान
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रिपोर्ट में कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में इंजन बंद होने को लेकर पायलट और को-पायलट के बीच बातचीत को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पायलट सुमित सभरवाल ने अपने को-पायलट क्लाइव कुंदर से सवाल पूछा- तुमने इंजन ईंधन क्यों बंद किया? इसके जवाब में को-पायलट क्लाइव कुंदर ने कहा, मैंने नहीं किया। ऐसे में यह एक संभावित तकनीकी खामी हो सकती है।

180 नॉट्स की गति हासिल करते ही बंद हुए विमान के दोनों इंजन

एएआईबी की 15 पन्नों की रिपोर्ट में पता चला है कि टेकऑफ के कुछ सेकंड ही बाद विमान के दोनों इंजन अचानक अपने-आप बंद हो गए थे, जिससे विमान क्रैश हो गया। विमान के 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड हासिल के तुरंत बाद इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कट-ऑफ स्विच (जो इंजन को ईंधन भेजते हैं) ‘रन’ से ‘कट ऑफ ’ की स्थिति में चले गए। इस घटना क्रम सिर्फ 1 सेकेंड के अंतराल में हुआ। ईंधन के बंद होते दोनों इंजन के एन-1 व एन-2 की स्पीड तेजी से गिरने लगी।

हादसे ठीक पहले एक इंजन चालू हो गया था

रिपोर्ट के मुताबिक, पायलटों ने इंजन को फिर से चालू करने का प्रयास किया। इंजन 1 ने तो फिर से चालू हो गया, लेकिन इंजन 2 फिर से चालू नहीं हो सका। जिसके बाद वह मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया। विमान केवल 32 सेकेंड के लिए हवा में रहा था।

थ्रस्ट लीवर आगे की ओर थे

रिपोर्ट में सामने आई तस्वीरों में देख सकते हैं कि फ्लैप सेटिंग (5 डिग्री) और गियर नीचे की ओर उड़ान भरने के लिए सामान्य थे। ईएएफआर (विस्तारित एयरफ्रेम उड़ान रिकॉर्डर) डेटा से पता चला कि टक्कर के समय तक थ्रस्ट लीवर आगे (टेकऑफ थ्रस्ट) की स्थिति में ही बने रहे। दोनों फ्यूल कंट्रोल स्विच रन स्थिति में पाए गए। रिवर्सर लीवर मुड़े हुए थे, लेकिन स्टोव्ड स्थिति में (नीचे की ओर) थे।

टेकऑफ के तुंरत बाद सक्रिय हो गई थी रैम एयर टर्बाइन

टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद सीसीटीवी में देखा गया कि इमरजेंसी पावर सप्लाई सिस्टम- रैम एयर टर्बाइन (आरएटी) भी सक्रिय हो गया था और यह तभी होता है जब इंजन बंद हो जाएं। यह एक छोटी प्रोपेलर जैसी डिवाइस होती है। यह हवा की गति से घूमती है और बिजली और हाइड्रॉलिक पावर पैदा करती है। यह तब सक्रिय होती है जब विमान की मेन पॉवर कट हो जाए या हाइड्रॉलिक सिस्टम फेल हो जाए।

विमान से नहीं टकराया कोई पक्षी

रिपोर्ट में विमान से पक्षियों के टकराने (बर्ड हिटिंग) की संभावना से इनकार किया गया है। रिपोर्ट में ये भी साफ किया गया है कि फ्यूल में किसी भी तरह की गड़बड़ी के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। ईंधन की जब जांच की तो पाया गया कि ईंधन में किसी प्रकार की समस्या नहीं थी।

625 फीट की उंचाई से गिरा था विमान

रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान ने 12 जून की दोपहर 1:39 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी थी। विमान का आखिरी सिग्नल 190 मीटर (625 फीट) की ऊंचाई पर मिला, जो उड़ान भरने के तुरंत बाद आया था। ईएएफआर रिकॉर्डिंग 08:09:11 बजे रुकी। इससे पहले लगभग 08:09:05 बजे एक पायलट ने मेडे-मेडे की कॉल भेजी। इस पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने प्रतिक्रिया दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद आपात प्रतिक्रिया दल को सक्रिय कर दिया गया। 08:14:44 बजे एयरपोर्ट से फायर टेंडर रवाना हुआ।

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