मानसून में दही खाने से बचें, खा रहे हैं तो रखें इन बातों का ध्यान

दही
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बारिश के मौसम में नमी और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में हमारे पाचन और इम्यूनिटी का ख्याल रखना और भी जरूरी हो जाता है। दही, जो भारतीय भोजन का एक अभिन्न हिस्सा है, अपने प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों के कारण पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। हालांकि मानसून में दही का सेवन करते समय थोड़ी सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। इस मौसम की बढ़ी हुई नमी के कारण दही जल्दी खट्टा हो सकता है, जिससे सर्दी-जुकाम, एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यदि इसे सही तरीके से न खाया जाए, तो इसके फायदे नुकसान में बदल सकते हैं। इसलिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि बारिश के दौरान दही का सेवन कैसे करें? आइए इस लेख में जानते हैं कि मानसून में दही खाते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मानसून में दही खाने से बचें, खा रहे हैं तो रखें इन बातों का ध्यान

ताजा दही ही खाएं

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मानसून में हमेशा ताजा दही खाएं, क्योंकि नमी के कारण दही में बैक्टीरिया या फंगस आसानी से पनप सकते हैं। बासी या खट्टा दही खाने से पेट में जलन, दस्त या बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। ताजा दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और पाचन को सुचारू करता है। दही को हमेशा फ्रिज में स्टोर करें। घर का दही जमाएं, क्योंकि इसमें आर्टिफिशियल तत्व नहीं होते हैं।

सर्दी-जुकाम में दही से परहेज

जिन लोगों को मानसून में सर्दी-जुकाम या कफ की समस्या है, उन्हें दही खाने से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, दही शरीर में कफ बढ़ा सकता है, जो सर्दी, खांसी या गले की खराश को और गंभीर कर सकता है। नमी और ठंडे मौसम में दही का ठंडा प्रभाव शरीर में बलगम बढ़ा सकता है। अगर आपको सर्दी-जुकाम के लक्षण हैं, तो दही के बजाय गर्म सूप या हर्बल चाय लें।

अत्यधिक दही से बचें

वैसे तो दही का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन मानसून में अगर अधिक मात्रा में दही खा लिया जाए तो, यह पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। अत्यधिक दही खाने से पेट में गैस, सूजन या अपच हो सकती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए हानिकारक है जिनका पाचन तंत्र कमजोर है। दिन में 100-150 ग्राम दही पर्याप्त है। इसे दोपहर में खाएं, जब पाचन तंत्र सबसे सक्रिय होता है। दही को रायता, लस्सी या स्मूदी के रूप में सीमित मात्रा में लें।

एलर्जी और चिकित्सीय सलाह

अगर आपको दही खाने से एलर्जी है, जैसे त्वचा पर चकत्ते, खुजली या पेट दर्द होता है, तो इसका सेवन तुरंत बंद करें और चिकित्सक से परामर्श लें। कुछ लोगों में लैक्टोज असहिष्णुता के कारण दही पचाना मुश्किल हो सकता है। मानसून में ताजा, घर का बना दही चुनें और प्रोसेस्ड या फ्लेवर्ड दही से बचें। अगर आपको डायबिटीज या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो डॉक्टर की सलाह लें।

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