भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को बताया भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत

नई दिल्ली।  कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस दावे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों के विरोध के दौरान उन्हें धमकाने के लिए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली को भेजा गया था।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बयान को तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक करार दिया है। भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रभारी अमित मालवीय ने शनिवार को एक एक्स पोस्ट के जरिए कहा कि:

  • अरुण जेटली का 24 अगस्त 2019 को निधन हो गया था।
    कृषि कानूनों का मसौदा 3 जून 2020 को प्रस्तुत किया गया और सितंबर 2020 में लागू किए गए।
    ऐसे में यह दावा करना कि जेटली ने राहुल गांधी से संपर्क किया था, तारीखों के हिसाब से असंभव और झूठा है।

अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली ने भी इस बयान को गलत बताया। उन्होंने कहा: “मेरे पिता कभी किसी को धमकाते नहीं थे। वे लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखते थे और खुली चर्चा के समर्थक थे।” रोहन जेटली ने राहुल गांधी को यह भी याद दिलाया कि वे पहले भी मनोहर पर्रिकर जैसे दिवंगत नेताओं पर राजनीतिक लाभ के लिए असंवेदनशील टिप्पणियाँ कर चुके हैं, जो “उतना ही घटिया” था।

पृष्ठभूमि
राहुल गांधी ने हाल ही में कांग्रेस के राष्ट्रीय कानूनी सम्मेलन में कहा था:
“जब मैं कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहा था, तो अरुण जेटली को मुझे धमकाने के लिए भेजा गया था। उन्होंने मुझसे कहा था – अगर आप विरोध करते रहे तो सरकार आपके खिलाफ कार्रवाई करेगी।