शरीर में फैट जमा होने की समस्या काफी आम हो चुकी है। इसके कारण कई लोगों की डबल चिन भी आ जाती है। डबल चिन ठुड्डी के नीचे जमा फैट को कहते हैं। उम्र, वजन बढऩे या गलत पोस्चर में बैठने की वजह से यह समस्या हो सकती है। ठुड्डी के नीचे फैट बढऩे की वजह से चेहरे का आकार बदलने लगता है। हालांकि, कुछ आसान योगासनों की मदद से इस समस्या को दूर किया जा सकता है। जी हां, कुछ योगासनों से मांसपेशियों में खिंचाव आता है और चेहरे के ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे डबल चिन को कम करने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं ऐसे ही 5 योगासनों के बारे में। ये योगासन करने से गायब होगा डबल चिन्ह का निशान, ब्लड सर्कुलेशन भी होगा बेहतर
सिंहासन
सिंहासन को चेहरे और गर्दन की मांसपेशियों के लिए सबसे अच्छा आसन माना जाता है। इस आसन में चेहरे, गले और जबड़े की मांसपेशियों में जोरदार खिंचाव होता है, जो डबल चिन वाली जगह को टोन करने में मदद करता है।
कैसे करें
वज्रासन में बैठ जाएं या फिर पद्मासन लगा लें।
अपने हाथों को घुटनों पर रखें और उंगलियों को फैलाएं।
गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए मुंह को खोलें और जीभ को बाहर निकालकर ठुड्डी की ओर ले जाएं।
आंखों को पूरी तरह खुला रखें और गले से ‘हा’ की आवाज निकालें, जैसे शेर दहाड़ रहा हो।
इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर नॉर्मल पोजीशन आ जाएं। इसे 3-5 बार दोहराएं।
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन गर्दन और गले के हिस्से में खिंचाव पैदा करता है। यह आसन थायरॉयड ग्लैंड को एक्टिव करने और गर्दन की एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में मददगार साबित होता है।
कैसे करें?
घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं, घुटनों और पैरों को हिप्स की चौड़ाई जितना खोल लें।
हाथों को कमर पर रखें और कोहनियों को पीछे की ओर खींचें।
सांस छोड़ते हुए पीछे की ओर झुकें और हाथों से एडिय़ों को पकडऩे की कोशिश करें।
गर्दन को रिलैक्स छोड़ दें और सिर को पीछे की ओर लटकने दें, ताकि गले में अच्छा खिंचाव महसूस हो।
30 सेकंड से 1 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।
जलंधर बंध
जलंधर बंध एक बंध या लॉक है, जिसे प्राणायाम के दौरान किया जाता है। यह सीधे तौर पर गले और ठुड्डी के नीचे के हिस्से पर काम करता है, जिससे वहां की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और चर्बी कम होती है।
कैसे करें?
सुखासन या पद्मासन में बैठ जाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
गहरी सांस लें और सांस को रोककर रखें ।
सिर को आगे झुकाएं और ठुड्डी को छाती से सटाने की कोशिश करें।
हाथों को घुटनों पर रखकर ज्ञान मुद्रा बना सकते हैं।
जब तक हो सांस को रोककर रखें, फिर सिर को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ें।
इसे 3-5 बार दोहराएं।
सर्वांगासन
सर्वांगासन को सभी अंगों का आसन कहा जाता है। यह थायरॉयड ग्लैंड पर दबाव डालकर मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद करता है, जिससे वजन कंट्रोल रहता है। साथ ही, इस मुद्रा में गर्दन में खिंचाव आता है, जो डबल चिन को कम करने में सहायक है।
कैसे करें?
पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के बगल में रखें।
पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और कमर को हाथों का सहारा देकर ऊपर ले जाएं।
शरीर को सीधा ऊपर की ओर खींचे, ठुड्डी छाती से सटी रहे।
शरीर का पूरा भार कंधों पर होना चाहिए।
30 सेकंड से शुरुआत करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
मत्स्यासन
मत्स्यासन गर्दन और गले के हिस्से को पूरी तरह से स्ट्रेच करता है। यह आसन थायरॉयड ग्लैंड को एक्टिव करता है और गर्दन की अकडऩ को दूर करके उसके आसपास जमा फैट को कम करने में मदद करता है।
कैसे करें?
पद्मासन में बैठ जाएं।
पीठ के बल लेट जाएं और हाथों से पैर के अंगूठे को पकड़ें।
कोहनियों को जमीन पर टिका दें। सांस लेते हुए छाती को ऊपर उठाएं और सिर को जमीन पर टिका दें।
गर्दन में गहरा खिंचाव महसूस करें। सांस लेते और छोड़ते रहें।
30 सेकंड से 1 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।