बरसात के मौसम में आम बात है खांसी-जुकाम होना, अपनाएं ये नुस्खा

खांसी-जुकाम
खांसी-जुकाम

बरसात में नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव वायरस और बैक्टीरिया को पनपने का मौका देते हैं। इन दिनों हमारी इम्युनिटी थोड़ी कमजोर होते ही ये हम पर हमला कर देते हैं, जिससे नाक बहना, गला खराब होना, खांसी और हल्का बुखार आम हो जाता है। ऐसे में, हमें जरूरत होती है कुछ ऐसे घरेलू उपचारों की जो नेचुरली हमारी इम्युनिटी बढ़ाएं और इन लक्षणों से राहत भी दें। अगर आप भी कुछ ऐसा ढूंढ रहे हैं, तो यहां हम आपको दादी-नानी की सीक्रेट रेसिपी से बने काढ़े के बारे में बताने जा रहे हैं।

दादी-नानी का आजमाया हुआ काढ़ा

काढ़ा
काढ़ा

यह काढ़ा सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत के मामले में भी बेजोड़ है। इसे बनाने के लिए आपको ज्यादा चीजों की जरूरत नहीं पड़ेगी और आपकी रसोई में ही ये आसानी से मिल जाएंगी:

काढ़ा बनाने के लिए सामग्री

अदरक: 1 इंच का टुकड़ा (कुटा हुआ) – अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की खराश और सूजन को कम करते हैं।
तुलसी के पत्ते: 8-10 पत्ते – तुलसी इम्यूनिटी बूस्टर है और इसमें एंटी-वायरल गुण होते हैं।
काली मिर्च: 4-5 साबुत दाने (हल्के कुटे हुए) – ये कफ को कम करने और गले को आराम देने में मददगार हैं।
लौंग: 2-3 लौंग (हल्की कुटी हुई) – लौंग एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है और दर्द से राहत देती है।
शहद: 1 चम्मच (जरूरत अनुसार) – शहद गले को आराम देता है और खांसी को कम करता है।
पानी: 2 कप
गुड़: छोटा टुकड़ा (मिठास के लिए, ऑप्शनल) – गुड़ शरीर को गर्मी देता है।

काढ़ा बनाने की विधि

सबसे पहले एक बर्तन में 2 कप पानी डालें और उसे गरम करें।
पानी में कुटा हुआ अदरक, तुलसी के पत्ते, काली मिर्च और लौंग डाल दें।
आंच को धीमा कर दें और इसे तब तक उबलने दें जब तक पानी आधा न रह जाए (लगभग 10-15 मिनट)। इससे सभी सामग्रियों का अर्क पानी में अच्छी तरह घुल जाएगा।
अब इस मिश्रण को छान लें और हल्का गुनगुना होने पर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। अगर आप मिठास के लिए गुड़ डालना चाहते हैं, तो पानी उबालते समय ही डाल दें।

काढ़ा पीने के लाजवाब फायदे

यह काढ़ा गले की खराश, खांसी और बंद नाक से तुरंत आराम दिलाता है।
इसमें मौजूद तुलसी, अदरक और काली मिर्च जैसे तत्व आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, जिससे आप बीमारियों से लडऩे में ज्यादा सक्षम होते हैं।
यह पूरी तरह से नेचुरल है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
यह काढ़ा शरीर को अंदर से गर्माहट देता है, जो बरसात के ठंडे मौसम में बहुत जरूरी है।
कब और कितना पिएं?
आप इस काढ़े को दिन में 2 बार पी सकते हैं, खासकर सुबह और सोने से पहले। छोटे बच्चों को देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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