पानीपत। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पहलवानों की सुरक्षा हटाने पर दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया। कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि पहलवानों की सुरक्षा वापस नहीं ली गई है। यह निर्णय लिया गया कि भविष्य में हरियाणा पुलिस से सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने का आह्वान किया जाए, क्योंकि जिन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई है वे आमतौर पर हरियाणा में ही रहते हैं।
दिल्ली पुलिस ने कहा- सुरक्षा में नियुक्त दिल्ली पुलिस के निजी सुरक्षा अधिकारियों ने इस निर्णय को गलत तरीके से समझा और पहलवानों की सुरक्षा के लिए आज देरी से पहुंचे। इसे सुधार लिया गया है। लगातार सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने महिला पहलवानों को बयान दर्ज करवाने के 2 विकल्प दिए। इसमें कहा कि अगर वह कोर्ट रूम में गवाही देने में सहज हैं तो इसकी खुली सुनवाई करेंगे। अगर वे सहज नहीं हैं तो फिर उन्हें कमजोर गवाह मानकर उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। फैसला पहलवानों पर निर्भर करता है।
इसके बाद कोर्ट ने पहलवानों की सहमति पर कहा कि उनकी गवाही जज के सामने होगी। इसमें बृजभूषण के वकील भी शामिल नहीं होंगे। यह बयान कोर्ट रूम के साथ वाले कमरे में होंगे। इस पर बृजभूषण के वकील ने कोर्ट को कहा कि महिला पहलवानों की गवाही जज के आगे जरूर हो, लेकिन कोर्ट रुम में गवाह के अलावा दूसरा कोई न हो। सुनवाई के दौरान बृजभूषण भी कोर्ट में हाजिर रहे।
कौन होता है कमजोर गवाह
सुप्रीम कोर्ट ने करीब 2 साल पहले कमजोर गवाह की परिभाषा के दायरे का विस्तार किया था। पहले इसमें 18 साल से कम उम्र के किशोर हुआ करते थे, लेकिन विस्तार के बाद इसमें उम्र की बंदिश हटा दी गई। इसमें यौन उत्पीडऩ और मानसिक बीमारी से पीडि़त गवाह भी शामिल कर लिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि इन कमजोर गवाहों की गवाही दर्ज करने के लिए सुरक्षित और किसी तरह के विघ्न से दूर माहौल वाली सुविधाएं दी जाएं।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई थी फटकार
गुरुवार (22 अगस्त) को मुकदमा करने वाली 3 महिला पहलवानों की सिक्योरिटी हटा लेने पर अदालत ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। महिला रेसलर्स ने दिल्ली की अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि शुक्रवार को एक पहलवान की कोर्ट में गवाही होनी है, लेकिन इस गवाही से एक दिन पहले दिल्ली पुलिस ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली। अदालत ने इस याचिका पर पहल के आधार पर सुनवाई की और दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि तीनों रेसलर्स को तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए। अदालत ने अंतरिम आदेश में यह भी कहा कि कोर्ट के अगले ऑर्डर तक महिला रेसलर्स की सुरक्षा न हटाई जाए। वहीं महिला पहलवानों की सिक्योरिटी हटाने के बारे में पूछे जाने पर बृजभूषण ने कोई जवाब देने से इनकार करते हुए कहा कि मुझसे यह पूछने का अधिकार नहीं है।
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