नई दिल्ली। अडानी ग्रुप के चेयरमैन धारावी गौतम अदाणी ने आईआईएम लखनऊ में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि धारावी के पुनर्विकास का मुख्य लक्ष्य वहां रहने वाले दस लाख लोगों को सम्मान और बेहतर जीवन देना है। उन्होंने धारावी को ‘एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती’ बताते हुए कहा कि हर बार मुंबई जाने पर वहां की झुग्गियां उन्हें विचलित करती हैं, क्योंकि कोई भी राष्ट्र तब तक पूरी तरह से विकसित नहीं हो सकता जब तक उसके नागरिक सम्मानजनक जीवन न जी सकें।
अदाणी ने यह भी बताया कि कई लोगों ने उन्हें धारावी के पुनर्विकास को ‘राजनीतिक, जोखिम भरा और असहनीय’ कहकर हतोत्साहित किया था, लेकिन इन्हीं कारणों से उन्होंने इसे करने का फैसला किया। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक और झुग्गी पुनर्विकास परियोजना नहीं है, बल्कि उन लोगों के सम्मान को वापस लाने का प्रयास है जिन्होंने मुंबई को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन खुद कभी इसके लाभ का हिस्सा नहीं बन पाए।
परियोजना का दायरा: यह परियोजना 600 एकड़ भूमि में फैली हुई है। इसमें पात्र निवासियों को 500 वर्ग फुट के घर उपलब्ध कराने की योजना है। इसके अलावा, स्कूल, अस्पताल, पार्क और अन्य सामाजिक सुविधाएँ विकसित करने की योजना है।
वर्तमान स्थिति: अडानी समूह ने अब तक इस परियोजना में लगभग ₹4,500 करोड़ का निवेश किया है। परियोजना के लिए आवश्यक भूखंडों के अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। साथ ही, पात्र निवासियों की पहचान के लिए एक सर्वेक्षण भी चल रहा है।
चुनौतियाँ और विवाद:
- इस परियोजना को अपनी शुरुआत से ही कुछ विवादों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
- कुछ राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने परियोजना की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
- आलोचकों के अनुसार, यह परियोजना बिल्डरों को लाभ पहुँचाने के लिए शुरू की गई है।