बर्ड फ्लू में भूलकर ना खाएं चिकन-अंडा, लापरवाही पड़ सकती है भारी

बर्ड फ्लू में चिकन और अंडा खाने के नुकसान
बर्ड फ्लू में चिकन और अंडा खाने के नुकसान

बीते कुछ समय से दुनियाभर में बर्ड फ्लू को लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने टेक्सास में एक व्यक्ति ने एवियन इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू से संक्रमित होने की पुष्टि की थी। जानकारी के मुताबिक ॥5हृ1 वायरस से संक्रमित गायों के संपर्क में आने से व्यक्ति बर्ड फ्लू की चपेट में आया। इंसानों में इस वायरस के मिलने के बाद से भी इसे लेकर लगातार चिंता जताई जा रही है। इसे लेकर वैज्ञानिक चेतावनी जाहिर कर चुके हैं कि बर्ड फ्लू नई महामारी की वजह बन सकता है। वैज्ञानिक के मुताबिक यह वायरस संभावित रूप से एक महामारी का कारण बन सकता है और यह कोविड से 100 गुना खराब हो सकता है। ऐसे में अब यह देखते हुए कि लोग गाय और मुर्गियों दोनों के संपर्क में आने से वायरस से संक्रमित हुए, इससे यह सवाल उठता है कि क्या अब दूध पीना या चिकन और अंडे खाने सुरक्षित हो सकता है?

क्या सुरक्षित है अंडा और चिकन?

अंडा
अंडा

डॉक्टर का कहना है कि बर्ड फ्लू के प्रकोप के दौरान संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अंडे और चिकन को सही तरीके से पकाया गया हो। भले ही अच्छे से तैयार किए गए पोल्ट्री प्रोडक्ट्स से बर्ड फ्लू होने की बहुत कम संभावना है, लेकिन किसी भी संभावित ट्रांसमिशन को रोकने के लिए फूड सेफ्टी रेगुलेशन्स का पालन करना जरूरी है।

कितने सेफ हैं अंडे?

अंडा
अंडा

बात करें अंडों की तो, इन्हें पूरी तरह से पकाना चाहिए ताकि इसमें मौजूद कोई भी संभावित जम्र्स नष्ट हो जाए। जब तक अंडा के जर्दी और इसके सफेद हिस्सा ठोस होकर अच्छे से पक जाए, इसे खाने पर संक्रमण होने का खतरा बहुत कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि उच्च तापमान में पकाए जाने पर इसमें मौजूद कोई भी वायरस नष्ट हो जाएगा। हालांकि, कच्चे या अधपके अंडे का सेवन समस्या पैदा बन सकता है, क्योंकि वायरस कच्चे अंडे की जर्दी के भीतर जीवित रहने में सक्षम हो सकता है।

चिकन खाने में बरतें सावधानी

वहीं, अगर आप कच्चे चिकन को बनाने से पहले साफ कर रहे हैं, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इसे साफ करने के बाद हाथों, बर्तनों और सतहों अच्छी तरह से धोकर साफ करना जरूरी है। इसके अलावा, इसे खाने के लिए अच्छी तरह से पकाना बेहद जरूरी है। जब चिकन को 165 फोरेनहाइट के तापमान पर पकाया जाता है, तो एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस सहित कोई भी सूक्ष्मजीव चिकन से समाप्त हो जाते हैं।

कितने सेफ हैं डेयरी प्रोडक्ट्स?

इसके अलावा दूध या अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स की बात करें, तो पाश्चुरीकरण यानी पाश्चुराइजेशन की वजह से इन्हें कंज्यूम करना सुरक्षित है। लंबे समय तक किया जाने वाला हीटिंग प्रोसेस बर्ड फ्लू वायरस को बेअसर करने के लिए पर्याप्त है। ऐसे में आप बिना किसी चिंता के दूध, पनीर, दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कर सकते हैं। साथ ही विश्वसनीय दुकानदारों से चिकन और अंडे खरीदने से बर्ड फ्लू के संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।

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