क्या आप जानते हैं की-बोर्ड का ये राज, क्यों होती हैं एफ और जे बटन पर लाइनें

की-बोर्ड
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अगर आप कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं, तो आपने शायद कीबोर्ड पर बनी इन छोटी-सी उभरी हुई लकीरों को देखा होगा। ये निशान ‘स्न’ और ‘छ्व’ बटन पर होते हैं। हो सकता है कि आपने इन पर ध्यान ही न दिया हो, या ध्यान दिया भी हो तो इनके काम के बारे में न जानते हों। बहुत से लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता। आइए, जानते हैं कि इन निशानों का क्या काम होता है।

क्यों बनाए जाते हैं ये निशान?

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इन निशानों को टैक्टाइल गाइड कहा जाता है। इनका काम टाइप करते समय आपकी उंगलियों को सही जगह पर रखने में मदद करना है, वो भी बिना कीबोर्ड को देखे। टाइपिंग की एक खास तकनीक होती है- टच टाइपिंग, जिसमें आप उंगलियों की मांसपेशियों की याददाश्त के जरिए टाइप करते हैं, न कि बार-बार कीबोर्ड को देखकर।

‘एफ’ और ‘जे’ क्यों चुने गए?

स्टैंडर्ड टैक्टाइल कीबोर्ड लेआउट में, बाईं हाथ की तर्जनी उंगली को ‘एफ’ पर और दाईं हाथ की तर्जनी को ‘जे’ पर रखा जाता है। बाकी उंगलियां अपने-अपने होम रो के बटन पर सेट रहती हैं-

क्या हैं इसके फायदे?

कीबोर्ड देखने की जरूरत नहीं- आप सीधा स्क्रीन पर ध्यान दे सकते हैं और टाइपिंग तेज़ हो जाती है।
मसल मेमोरी मजबूत होती है- लगातार सही जगह पर उंगलियां रखने से आपका दिमाग और हाथ आदत डाल लेते हैं, जिससे गलती कम होती है।
पोश्चर और एर्गोनॉमिक्स बेहतर होते हैं- सही हाथ की पोजिशन से उंगलियों और कलाई पर दबाव कम पड़ता है, जिससे चोट या स्ट्रेस इंजरी का खतरा घटता है।
हर कीबोर्ड पर मौजूद
ये निशान लगभग हर फिजिकल कीबोर्ड पर पाए जाते हैं, चाहे वो डेस्कटॉप का हो या लैपटॉप का। कुछ टचस्क्रीन कीबोर्ड और ब्रेल डिवाइस में भी इसी तरह के टैक्टाइल फीचर होते हैं, ताकि यूजर्स को बिना देखे टाइप करने में आसानी हो।

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