आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, बहुत से लोग नींद को उतना महत्व नहीं देते जितना देना चाहिए, जबकि यह हमारे शरीर के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। काम का दबाव, तनाव और आधुनिक जीवनशैली के चलते लोग अक्सर अपनी नींद से समझौता कर लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह आदत हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है? नींद की कमी केवल थकान तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे शरीर में कई गंभीर बीमारियों भी पनपती हैं। इसके अलावा जब कोई व्यक्ति रोज नींद से समझौता करता है तो इससे उसका सर्केडियन रिदम प्रभावित होता है और इस आदत की वजह से इनसोम्निया (अनिद्रा) जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए आइए इस लेख में जानते हैं कि अच्छी नींद क्यों जरूरी है और साथ ही ये भी जानेंगे कि नींद की कमी से हमारे शरीर को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव
नींद का सीधा संबंध हमारे मानसिक स्वास्थ्य से है। जब हमें पर्याप्त नींद नहीं मिलती, तो हमारा दिमाग ठीक से काम नहीं कर पाता। इससे ध्यान केंद्रित करने में कमी आती है, याददाश्त कमजोर होती है और निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है। लंबे समय तक नींद की कमी से मूड में चिड़चिड़ापन, तनाव और एंग्जाइटी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। कई शोधों से यह भी पता चला है कि नींद की कमी, डिप्रेशन और अन्य मानसिक विकारों का जोखिम बढ़ा सकती है।
शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा
नींद की कमी का असर सिर्फ दिमाग पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर पर पड़ता है। अच्छी नींद हमारे शरीर को ठीक करने और उसे दोबारा तरोताजा करने का काम करती है। जब हम सोते हैं तो हमारी मांसपेशियां और कोशिकाएं खुद को ठीक करती हैं। पर्याप्त नींद न मिलने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे हम आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। इसके अलावा यह शरीर में सूजन को बढ़ा सकती है, जो कई गंभीर बीमारियों, जैसे हृदय रोग और डायबिटीज, का कारण बन सकती है।
वजन और हार्मोन में असंतुलन
नींद की कमी का एक और बड़ा दुष्प्रभाव शरीर के वजन पर पड़ता है। जब आप कम सोते हैं, तो भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन, लेप्टिन और घ्रेलिन, का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे आपकी भूख बढ़ जाती है और आपको मीठा व अनहेल्दी खाने की तीव्र इच्छा होती है। यह स्थिति मोटापे का कारण बन सकती है। इसके अलावा, नींद की कमी से इंसुलिन प्रतिरोध भी बढ़ सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
यह भी पढ़ें : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनसुनवाई में सुनीं आम लोगों की समस्याएं