पूरी हमारे खाने का एक मुख्य हिस्सा है, जिसे त्योहारों, खास अवसरों और रोजमर्रा के खाने में बड़े चाव से खाया जाता है। लेकिन कई बार पूरी मनचाही तरह से फूली हुई और हल्की नहीं बनती, जिससे इसका स्वाद प्रभावित होता है। ऐसे में कुछ सिंपल और सही तकनीक अपनाकर आप पूरियों को एक्स्ट्रा फ्लफी और कुरकुरा बना सकते हैं। इसके लिए यहां कुछ प्रभावी टिप्स की जानकारी दी गई है, जो आपकी पूरियों को हर बार परफेक्ट बनाएंगे। तो फिर देर किस बात कि आईए जानते हैं इनके बारे में-
सही आटा गूंथना है सबसे जरूरी
पूरी का आटा ज्यादा नरम या ज्यादा सख्त नहीं होना चाहिए। सही टेक्सचर के लिए 2 कप गेहूं के आटे में लगभग ङ कप पानी डालें और अच्छे से गूंथें। इससे पूरी फूली-फूली बनेगी।
मोयन डालना न भूलें
आटे में 1-2 चम्मच तेल या घी मिलाने से पूरियां ज्यादा कुरकुरी और हल्की बनती हैं। यह नमी बनाए रखता है और पूरियों को तलने पर फूला रहने में मदद करता है।
सूजी या चावल का आटा मिलाएं
अगर आप चाहते हैं कि पूरी अधिक कुरकुरी और परतदार बने, तो 2 कप गेहूं के आटे में 2-3 चम्मच सूजी या 1 चम्मच चावल का आटा मिलाएं। इससे पूरियों की बनावट हल्की और फ्लफी होगी।
आटे को थोड़ा समय दें
गूंथे हुए आटे को 15-20 मिनट तक ढककर रखें। इससे ग्लूटेन एक्टिवेट होगा, जिससे पूरी तलने पर ज्यादा अच्छी फूलेंगी।
बेलते समय ज्यादा सूखा आटा न लगाएं
बहुत अधिक सूखा आटा लगाने से पूरियां तलते समय तेल में जल सकती हैं और उनका टेक्सचर खराब हो सकता है, इसलिए बेलने के लिए हल्का सा तेल लगाएं, जिससे पूरियां परफेक्ट बनें।
पूरियों को बहुत पतला न बेलें
अगर पूरी बहुत पतली होगी तो वह तलते समय फूलने के बजाय सख्त हो जाएगी। हल्की मोटाई में बेलने से पूरी अच्छी तरह फूलेगी।
सही टेंपरेचर पर तेल गरम करें
अगर तेल ठंडा होगा तो पूरी उसमें डूब जाएगी और फूलेगी नहीं।वहीं अगर तेल बहुत ज्यादा गर्म हुआ तो पूरियां जल सकती हैं। इसलिए मीडियम हाई फ्लेम पर तेल गरम करके ही पूरियां तलें।
तलते समय पलटे से हल्का दबाव दें
जब पूरी तेल में डालें तो उसे हल्के हाथ से पलटे से दबाएं। इससे पूरी फूलकर गोल आकार लेगी और अंदर तक अच्छे से सिकेगी।
एक बार में ज्यादा पूरियां न तलें
अगर आप एक साथ बहुत सारी पूरियां तलेंगे तो तेल का टेंपरेचर कम हो जाएगा और पूरियां सही से नहीं फूलेंगी। इसलिए एक बार में 2-3 पूरियां ही तलें।
गरम-गरम सर्व करें
पूरी को तलने के तुरंत बाद ही परोसना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि ठंडी होने पर वे नरम पड़ सकती हैं और फूलापन कम हो सकता है।