पूर्व आरबीआई गर्वनर ने रघुराम राजन 50 प्रतिशत टैरिफ को बताया चिंताजनक

नई दिल्ली। डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगाने और भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर और जाने-माने अर्थशास्त्री रघुराम राजन ने इस स्थिति को ‘बेहद चिंताजनक’ बताया है और भारत को एक महत्वपूर्ण चेतावनी दी है। राजन के अनुसार, आज की वैश्विक व्यवस्था में व्यापार, निवेश और वित्त को अक्सर रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका मतलब है कि देश अपने आर्थिक संबंधों का उपयोग राजनीतिक लक्ष्यों को साधने या प्रतिद्वंद्वी देशों पर दबाव डालने के लिए कर रहे हैं।

उन्होंने आगाह किया कि भारत को किसी एक व्यापारिक साझेदार पर अत्यधिक निर्भर नहीं रहना चाहिए। यह स्थिति भारत को कमजोर बनाती है और ऐसे टैरिफ जैसे कदमों के प्रति संवेदनशील बनाती है। अमेरिका के अलावा, भारत को पूर्व, यूरोप और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में भी नए बाज़ार तलाशने चाहिए।

उन्होंने ज़ोर दिया कि भारत को 8-8.5% की विकास दर हासिल करने के लिए आवश्यक सुधारों को लागू करना चाहिए, जिससे हमारे युवाओं को रोज़गार मिल सके। यह आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। इस टैरिफ का सीधा असर भारतीय निर्यातकों पर पड़ेगा, जिससे उनके उत्पाद अमेरिका में 50% अधिक महंगे हो जाएंगे। इससे अमेरिकी बाज़ार में भारतीय उत्पादों की मांग घट सकती है, जिससे इन क्षेत्रों में रोज़गार और राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों, विशेषकर कपड़ा, हीरा और झींगा, पर 50% का टैरिफ लगाया गया है। इस टैरिफ में रूस से तेल खरीदने के लिए 25% का अतिरिक्त जुर्माना भी शामिल है। यह कदम भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है,